29/9/20

SMS Shayari in Hindi || Massege Shayari In Hindi || Hindi Shayari


1. उफ्फ ! ये खूबसूरत आंखें हसीन चेहरा ☺️🥰

पड़ेगा इसका असर मेरे दिल पे गहरा।
💞



2. नजरों ही नजरों में अनकही बात हो 
जाती है,
तेरा ख्याल आते ही चेहरे पे मुस्कान आ जाती है,☺️
इस वक्त नहीं मिल सकते तो क्या हुआ,😒
तुमसे तो सपनों में ही मुलाकात हो जाती है।😍
❤️


3. काश दुनिया की हर बुरी दुआ मुझे लगे,
बे मौत मर जाऊ उसे भनक तक ना लगे।


4. दिल मे तुम्हारी सुरत बसी हैं,
तस्वीर तुम्हारी मेरे लफ्ज पन्ने पर उतारही लेते हैं।
मेरी धड़कनों में तुम रहती हो कि,
मेरी हर शायरी में एहसास सिर्फ तुम्हारा ही हैं।

5. मेरे मिजाज को समझने के लिए
बस इतना ही काफी है
मैं उसका हरगिज़ नहीं होता जो
हर एक का हो जाए


6. तुम मुस्कुराना मेरी बातोंपर
मैं लुटता जाऊंगा तुम्हारी मुस्कान पर
तुम बोलती जाना कुछ एहसास 
मैं एहसास करता रहूँगा तुम्हे तुम्हारे हर जिक्र पर



7. मैं लिख दूं वो किताब जिसके हर लफ्ज़ में तेरा नाम आता है...
सुबह से शाम, शाम से सुबह बस तेरे ख्यालों में खोया रहता हूं और मुझे काम ही क्या आता है..। 






                      NEW SHAYARI

1.राह देख़ते-देख़ते तेरी, बहुत देर हो गई,
कल तलक मैं तेरी थी, आज ग़ैर हो गई..
न पूछा तूने कुछ भी, न क़हां मैंने कुछ भी,
यूँ ही मोहब्बत की शाम-ओ-सहर हो गई..
अनकहे जज्बात, भीतर ही दफ़न हो गए,
जुदाई की वो घडियाँ पल में कहर हो गई..
मर-मर के ग़ुजरती हैं तेरे बिना ये ज़िन्दगी,
तेरे नाम जो साँसे थी, आज ज़हर हो गई...!





2.तेरी शान में क्या नज़्म कहूँ 
अल्फाज नही मिलते. . . 
कुछ गुलाब ऐसे भी हैं 
जो हर शाख पे नही खिलते. . .





3.कैसे करें हम खुद को,
तेरे प्यार के काबिल..

जब हम आदतें बदलते हैं
तो तुम शर्तें बदल देते हो...





4.मुझे मालूम है 
कि ये ख्वाब झूठे हैं 
और ख्वाहिशें अधूरी हैं
मगर जिंदा रहने के लिए 
कुछ गलतफहमियां भी जरूरी हैं…




5.ये रात एक सफर है ख्वाबों का ...😌
सुबह एक तलाश है मंजिल की .......




6.महफ़ूज रख, बेदाग़ रख, 
मैली ना कर ज़िन्दगी

मिलती नहीं इंसान को, 
किरदार की चादर नई।





7.बिछडते वक्त मेरे ऐब गिनाये, 

कुछ लोगो ने....

​दोस्तों.....​​सोचता हूँ, 

जब मिला था तब..​..

 ​कौन सा हुनर था मुझमें.....






8.हाथ में कलम,✍✍
आंखों में ख्वाब लिए फिरता हूं।👇

कहानी मेरी मैं खुद लिखुगां,
कुछ गम कुछ खुशियों के पल लिखूंगा।






9.तकदीर में लिखा कौन बदलेगा,
 जब मेरी किस्मत मैं खुद लिखुगा।






10.मैंने कहा मैंने मेरा सबकुछ तुम्हे दिया...

तुमने सुना मैंने तुम्हारा सब छीन लिया....





11.व्यवहारिक नही 

अब दुनिया व्यवसायिक है...

​सम्बन्ध उनसे ही मधुर है 

जिनसे मुनाफा अधिक है....​

कटु सत्य✨







12.पैरों के छाले सुहाना सफर लगने लगे हैं

💖✍✍
जब से हम मंजिल के करीब आने लगे हैं।

तुझे हम इश्क करना सिखायेगे 

दो पल रुक तुझे धरती पे ही जन्नत दिखाएंगे।





13.बर्फ का वो शरीफ टुकड़ा जाम में क्या गिरा... बदनाम हो गया

देता जब तक अपनी सफाई... वो खुद शराब हो गया...





14.वक्त सिखा देता है​
​उसूल जिन्दगी का

​​फिर नसीब क्या?​​
​​लकीर क्या?​​
​​और तकदीर क्या?​​





15.मुझे रब ने सिर्फ 
सब को तंग करने के लिए बनाया है
ये इश्क का तो तूने हम पे इल्जाम लगाया है।







16.किस्मत भी हम पर क़यामत ढा गयी

हम उनके लिए जगे,उन्हें नींद आ गयी।






17.हाथ तो उनके भी गंदे हुए होंगे,

जिन्होंने मेरे नाम पर कीचड़ उछाला है..!





18.बचपन के दिन भुला ना देना

आज हंसे कल रुला ना देना

इचक दाना -पिचक दाना, दाने उपर दाना

कितना प्यारा था बचपन मस्ताना....






19.वो अब भी मुझे याद है...

लानत है ऐसी यादाश्त पर...






20.हर गरीब पर इतनी दया करना ऐ रब,

दिल भले ही टूट जाए पर मोबाइल न टूटे..





21.छुपा ले मुझे अपने सांसो के दरमियां 

कोई पूछे तो कहना ज़िन्दगी है मेरी.....





22.सच्चे किस्से शराबखाने में सुने,
वो भी हाथ मे जाम लेकर,
झूठे किस्से अदालत में सुने,
वो भी हाथ मे गीता-कुरान लेकर....






23.आधे से कुछ ज्यादा.... पूरे से कम....

कुछ ज़िन्दगी.... कुछ गम....

कुछ इश्क़.... कुछ हम.....






24.अक्सर कमजोर बना देती है तारीफे,

जब सामने आती है हकीकत की दीवारें।






25.मेरे ख़याल से,,, अब हम..... 
तेरे......ख़्याल में भी नहीं बचे...!!






26.यूँ ना आया करो बिना ताल्लुक के तुम ख़्वाबों में,

घरवाले देख लेंगे तो क्या जवाब दूँगा मै






27.बहुत से रिश्ते इसलिए भी ख़त्म हो जाते है,

क्यूँकी एक सही बोल नहीं पाता और 

दूसरा सही समझ नहीं पाता.......





28.एक पंखा ही मेरी तन्हाई में रात भर 
मुझसे बात करता था
कमबख्त मौसम की दस्तक ने 
उसकी भी जबान छिन ली।






29.मोहब्बत क्या होती है मालूम नहीं था,
बस एक पागली मिली, 
और जिन्दगी , सत्यानाश हो गयी...!!






30.जिस दिन.... तेरे हाथो की पकड़ ढीली पड़ी थी

समझ गया था तभी कि अब रास्ते बदलने वाले है।

28/9/20

दर्द भरी शायरी | Dard Shayari In Hindi || Dard bhari Shayari

1.सोचा था तड़पायेंगे हम उन्हें,
किसी और का नाम लेके जलायेगें उन्हें,
फिर सोचा मैंने उन्हें तड़पाके दर्द मुझको ही होगा,
तो फिर भला किस तरह सताए हम उन्हें।




2.दिन हुआ है, तो रात भी होगी,
मत हो उदास, उससे कभी बात भी होगी।
वो प्यार है ही इतना प्यारा,
ज़िंदगी रही तो मुलाकात भी होगी।

3.वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई,
न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई,
अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ,
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई।


4.वो बिछड़ के हमसे ये दूरियां कर गई,
न जाने क्यों ये मोहब्बत अधूरी कर गई,
अब हमे तन्हाइयां चुभती है तो क्या हुआ,
कम से कम उसकी सारी तमन्नाएं तो पूरी हो गई।

5.अब तो वफ़ा करने से मुकर जाता है दिल, अब तो इश्क के नाम से डर जाता है दिल, अब किसी दिलासे की जरूरत नही है, क्योंकि अब हर दिलासे से भर गया है दिल।


6.होले होले कोई याद आया करता है,
कोई मेरी हर साँसों को महकाया करता है,
उस अजनबी का हर पल शुक्रिया अदा करते हैं,
जो इस नाचीज़ को मोहब्बत सिखाया करता है।

7.अब तेरे बिना जिंदगी गुजारना मुमकिन नही है,
अब और किसी को इस दिल में बसाना आसान नही है,
हम तो तेरे पास कब के चले आये होते सब कुछ छोड़ कर,
लेकिन तूने कभी हमे दिल से पुकारा ही नही है।

8.मंजिल भी उसकी थी, रास्ता भी उसका था,
एक मैं ही अकेला था, बाकि सारा काफिला भी उसका था,
एक साथ चलने की सोच भी उसकी थी,
और बाद में रास्ता बदलने का फैसला भी उसी का था।

9.अब मोहब्बत नही रही इस जमाने में, क्योंकि लोग अब मोहब्बत नही मज़ाक किया करते है इस जमाने में।

10.चिंगारी का ख़ौफ़ न दिया करो हमे,
हम अपने दिल में दरिया बहाय बैठे है,
अरे हम तो कब का जल गये होते इस आग में,
लेकिन हमतो खुद को आंसुओ में भिगोये बैठे है।

11.इंसान की ख़ामोशी ही काफ़ी है, ये बताने के लिये की वो अंदर से टूट चूका है।


NEW LETEST SHAYARI :-


1.जिंदगी में वो अजनबी बन कर आये थे

अब अपने बन कर दूर जा रहे हैं।



2.महंगी हैं अगर किताबें..
तो चेहरे पढ़ा करो




3.कहा है खुदा ने... 
खुद से नही मिलेगी मंजिल
चलेगा गिरेगा ठोकर खायेगा 
तभी तो मंजिल पाने का मज़ा आएगा।





4.लगा दो जाति का लेबल
लहू की बोतल पर भी
देखते है कितने लोग
 रक्त लेने से मना करते हैं।




5.रहने दो अंधेरो में मुझे 
उजालो में अपनो का 
असली चेहरा नजर आता है



6.क्यूँ हम किसी के ख्यालो मे खो जाते है,
एक पल की दूरी मे रो जाते है..
कोई हमे इतना बता दो की, हम ही ऐसे है
या प्यार करने के बाद सब ऐसे हो जाते है। 




7.कहते हैं इज्जत दो इज्जत लो

पर हमारी एक आदत है✍✍

हम जो दे देते हैं उसे वापस नहीं लेते।


8.लोग अक्सर कहते हैं 
पैसे कमाने से क्या होगा
 भूख तो रोटी से ही मिटेगी






9.आज भूख पैसे से मिटती है
क्योंकि रोटी बाजार में बिकती है

वो अपनी दरयादिली कुछ ऐसे दिखाता है.....

रोटी दो बांटता है फोटो दस खिचाता है.....!!





10.मुस्कराहट.....
एक कमाल की पहेली है...

जितना बताती है 
उससे कहीं ज्यादा छुपाती है...




11.मेरी बदतमीजियां तो जग जाहीर है ...
लेकिन शरीफो की शराफत .... के ....
निशां क्यों नहीं मिलते .....




12.दिल परेशान है तेरे बगैर 
जिन्दगी बेजान है तेरे बगैर 

लौट आ फिर से मेरे हमदम
सब कुछ वीरान है तेरे बगैर 

रात की नींद दिन का सुकून 
आना कहा आसान है तेरे बगैर 
 
फिरते रहते पागलो की तरह इधर से उधर
लगता नही दिल बहुत नुकसान है तेरे बगैर





13.इतनी चाहत के बाद भी,
तुझे एहसास ना हुआ...

जरा देख तो ले,
दिल की जगह पत्थर तो नहीं....





14.सर्दी की आड़ में ,😔
                  उम्र ढल रही है।
✍✍
और लोग कह रहे हैं ,🙊
                कि ठंड बढ रही है।






15.हक़ीक़त जिंदगी की ठीक से जब जान जाओगे,

ख़ुशी में रो पड़ोगे और ग़मो में मुस्कुराओगे...





16.ये दुनिया अक्सर उन्हें सस्ते में लूट लेती है ...

जिन्हें खुद की कीमत ... का अंदाज़ा नहीं होता ....





17.इंतज़ार ऐ इश्क में
बैचैनी का आलम मत पूछो

हर आहट पर लगता है
वो आये है… वो आये है।





18.कहते है लड़की लक्ष्मी का रूप होती है

            100% सच बात है
इस बात पर अगर किसी को यकीन ना हो तो

तो किसी से सच्ची मोहोब्बत करके देखो
अगर वो लड़की आपको खुशियो से मालामाल न करदे तो कहना।।




19.मेरी वफ़ाओं को मारो गोली 

ये बताओ तुम आज कल किसे चूना लगा रही हो




20.शायरी वही सही होती है 
जिसे पढ़ कर दिल को यूँ लगे कि....
    अरे हाँ....
यही बात तो हम कहना चाहते थे....





21.ना चाँद अपना था और ना तू अपना था ...

काश दिल भी मान लेता ....की सब सपना था ...




22.कुछ ज्यादा नही जानते मोहब्बत के बारे में,
बस तुम्हें सामने देखकर मेरी तलाश खत्म हो जाती है।






23.वो चाहती थी रूह तक सौंप दे उसे 
मगर उस लड़के की तो बस बदन पर निगाह थी






24.न जाने वो वहम था....सुरूर था....या फिर प्यार

किसी एहसास ने मेरे दिल को छुआ तो था....





25.क्या हुआ जो 

शाहजहां ने मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया


मैं हर दीन तेरी याद में गरीबों को भोजन खिलाऊगा




26.कागज पर लिखी ग़जल बकरी चबा गई।
चर्चा पूरे शहर में हुआ कि बकरी शेर खा गई।




27.नज़रें झुका लेने से भला सादगी का क्या ताल्लुक़
शराफ़त तब झलकती है जब नीयत में पर्दा हो...




28.जिन्दगी के बारे मे इतना ही लिख सका हुँ मै
कुछ गहरे रिश्ते थे कमजोर लोगो से ...!!




29.किसी ने धुल क्या झोकी आँखो मे 
कमाल तो देखो पहले से अच्छा दिखने लगा है ...!!




30.एक तो ये कातिल सर्दी ऊपर से तेरी यादों की धुंध,
बेहाल कर रखा है इश्क के मौसमों ने...

Poem in Hindi || kabita || Dard bhare nagme



1. जाके सुना दे कोई ये ऐलान पत्थरों से मिनारो से
आज निकला है शैलाब मखमली किनारों से

वर्षो से बंद थी गुमनाम थी चिड़िया आसमानों की
उसने परो को लड़ाया है लोहे की दीवारों से

तेरे जोर जुल्म सितम सब फिके पड़ जायेंगे
अब जाके तु टकराया है हौसलों के गुब्बारों से

बुरे हालात ने रोका है पर मै चुका नहीं हूं
ये बात कोई बता दे मेरे निगारो  से

आज अंधेरा है कल फिर सूरज निकलेगा
दिल ना हारे कह दे इन नज़ारों से

उसने नफरत की जमीं पे कुछ उगाया है समन्दर
कोई दरिया नहीं बनता मजधारो से।


1. जाके सुना दे कोई ये ऐलान पत्थरों से मिनारो से
आज निकला है शैलाब मखमली किनारों से

वर्षो से बंद थी गुमनाम थी चिड़िया आसमानों की
उसने परो को लड़ाया है लोहे की दीवारों से

तेरे जोर जुल्म सितम सब फिके पड़ जायेंगे
अब जाके तु टकराया है हौसलों के गुब्बारों से

बुरे हालात ने रोका है पर मै चुका नहीं हूं
ये बात कोई बता दे मेरे निगारो  से

आज अंधेरा है कल फिर सूरज निकलेगा
दिल ना हारे कह दे इन नज़ारों से

उसने नफरत की जमीं पे कुछ उगाया है समन्दर
कोई दरिया नहीं बनता मजधारो से।


2.सुबह के बाद बस मैंने रात तमाम देखी है
कई चाहतों कि नीलामी सरेआम देखीं है

आज अपने गाँव आया आज यार मिले
कई मुद्दतों बाद मैंने आज शाम देखीं है  



3.तेरे प्यार की हीफाजत,
कुछ इस तरह की हमने।

जब भी कीसी ने प्यार से देखा,
तो नजरें झुका दी हमने।।

4.तेरी मेरी यारी, 
सब पर थी भारी||
तू साथ मेरे, 
 जब होती थी ||
एक अलग ही, 
साहस में जीती थी ||
जैसे जग से मैं, 
लड़ जाऊँगी ||
दुनिया बाल न बांका, 
मेरा कर पायेगी ||
होते थे जब साथ साथ, 
मस्ती बहुत करती थी ||
छीन सारी चॉकलेट, 
मैं तेरी खाती थी||
आती है याद अब भी, 
वो वक़्त क्यों नहीं आता अब ||

5.फूल फेंका पर मुझे पत्थर लगा,
आज पहली बार मुझे डर लगा।।

बरसों से रहते आया आज मुझे,
गांव से माँ को लाया तो घर लगा।।

देखा छत पे कबूतर  उड़ाते हुए,
वो हसीन,कातिल, दिलवर लगा।।

पीसा गया हूँ मैं बहुत तब जाकर,
तेरी  आँखो में यूँ ये काजर लगा।।

सर-ए-बाजार बेपरदा हीरोइने ये,
मजबूर तवायफ से हमें बद्दतर लगा।।

चंद पैसे कमाने की खातिर मेरा,
दांव पे अब तो गांव, घर,मग़र,लगा।।

गजलें कहना आसान नही केवल,
इनमें काफिया,रदीफ़,बहर, लगा।।

परिंदो को उड़ जाने तो दे इंसान,
काट रखे तूने फिर से वो पर लगा।।

कारण उनको तो कुछ पता ही नही,
दंगो में  जिनके  हाथ पत्थर  लगा।।

दूरियां नजदीकियों में तब्दील हों रब,
न फैसले में देरी नही उमर लगा ।।

 मौजूद हम रौशनी के लिए,
दिल के अंधेरे में उसे न खबर  लगा।।




6. जब नेह नयन के दर्पण में।
जब पावन पुण्य समर्पण में।।
जब मात-पिता का वंदन हो।
जब गुरुवर का अभिनन्दन हो।।
जब राम बसे हों कण कण में।
जब श्याम बसे हों तन-मन में।।
जब सूरज चाँद सितारों में।
जब धरा गगन आभारों में।।
जब पर्वत सागर तरुवर में।
जब पावन सकल चराचर में।
जब यार सखा में दुश्मन में।
जब प्रिय प्रियवर में, परिजन में।।
हम नेह जताया करते हैं।
हम प्रीत जगाया करते हैं।।
तब कृपा प्रभू की मिलती है।
तब कली नेह की खिलती है।।
तब प्रियवर मैं आ जाता हूँ।
तब नमन भोर का गाता हूँ।।


7."तुझसे  मिलने  की  प्यास बाकी है
अब   भी   मेरी   तलाश   बाकी है

बहुत कुछ पा लिया है किंतु सनम
कोई   इक  चीज  खास  बाकी  है

मेरे     दीवानगी  भरे   दिल   का
तेरे    दिल  मे   प्रवास   बाकी  है

तेरी    दूरी   ने   जो   बनाई   थी
मुझमे अब भी वो त्रास  बाकी  है

 मेरी   नाकामयाबी    कहती   है
थोड़ा  अब भी  प्रयास  बाकी  है

खोज  यह  खत्म एक दिन होगी
थक  गया  हूँ  पर  आस  बाकी है

ये  अभी  मेरी  कल्पना  है   बस
उसका  भी  तो  कयास बाकी है

बाथम  पर्दे  मे   रह  नही  सकता
सीने  में  ये   विश्वास  बाकी   है"


8.  इश्क़ की दुनिया है साहिब
        यहाँ कुछ भी हो सकता है
 दिल मिल भी सकता है
        और खो भी सकता है!!

जिसे तुम चाहते हो
        किसी और का भी हो सकता है
 तुम समझो इबादत
        वो गुनाह भी हो सकता है!!
अपना समझो जिसे~~
        वो सपना भी हो सकता है....

9.   अपनी तबियत के हालात हमसे बताये ना गए ।
वो आये ही इतनी जल्दी में कि जख्म दिखाए ना गए ।।

और दस्तक भी दी उसने तो उस चौखट पर जाकर ।।
जहाँ बुझे हुए दिए फिर से जलाये ना गए ।।

10. प्रकृति......

रूपक भी क्यों ना करे तुमसे प्यार
तुम ही तो हो इस जग में सबसे सुंदर।

तुमसे तो ही है सारा जग इतना प्यारा
तुम्हारे लिए तो है इस जग में सभी प्यारा।

एक रंग नहीं सभी रंग तो है तुझमें ही समाया
तुम्हारे खुशबू से ही है ये सारा जग महकाया। 

तुम्हारी बाहों में आकर हर कोई हर गम भूल जाता है
तुम्हारी सुंदरता तो सबको अपने पास खींच लाता है।

तुम्हारे साथ जिंदगी जीने में अलग ही अनुभूति होता है
तुम्हारी दुनिया माया की दुनिया से अलग ही रहता है।

तुमसे ही तो इस जग में हर कोई जुड़ा हुए है
रूपक तुम्हारी सुंदरता पहचान कर धन्य हुआ है।

10. अब ये राह हमनें जरा,हटके चुनी है।
तेरी तरफ जाती जो डटके चुनी है।।

तुमको देखा और इन आँखों ने तुम्हें ही।
देर नही की केवल एक झटके चुनी है।।

पीने की नई-नई लत अब देखो हमारी।
होठों से तेरे ही हमने तो सटके चुनी है।।

ख्वाहिश तुझे पाने की जो अब हमारी।
पतंग की तरह यूँ हमने कटके चुनी है।।

सिलसिले तेरी चाहत के सुनो हमसे केवल।
किस्से तमाम इश्क के ही रटके चुनी है।।





11.बस इक झिझक है यही हाल-ए-दिल सुनाने में 
कि तेरा ज़िक्र भी आयेगा इस फ़साने में। 

बरस पड़ी थी जो रुख़ से नक़ाब उठाने में 
वो चाँदनी है अभी तक मेरे ग़रीब-ख़ाने में। 

इसी में इश्क़ की क़िस्मत बदल भी सकती थी 
जो वक़्त बीत गया मुझ को आज़माने में। 

ये कह के टूट पड़ा शाख़-ए-गुल से आख़िरी फूल 
अब और देर है कितनी बहार आने में।




12.स्कूटी पर बैठी एक लड़की सयानी
लहराती सी जुल्फें बिलखाते खाते हॉट
लग रही थी परियों की रानी 
कर रही थी कायल उसकी जवानी। 

देख उसे दिल मेरा मचलने लगा
 प्यार में उसके पिघलने लगा। 
मन को मैंने खूब समझाया 
मत कर गलती बेवकूफ, 
पर वह था कहां सुनने वाला 
उसने तो जाकर बोली डाला। 







13.💗 क्या है प्यार 💗

"खुद कष्ट झेलकर भी किसी के चेहरे पर,
मुस्कान लाने का नाम है प्यार ।
दर्द सह कर भी चाहने वाले की,
परवाह करने का नाम है प्यार ।।

लबों से जो बात निकल न पाय,
उस एहसास को भी समझ जाना है प्यार।
अधिकार हो न सही,
फिर भी विशेषाधिकार समझना है प्यार।।

दूर रहकर भी,
दिल का आलम जान लेना है प्यार।
बिना जिक्र के ही ,
महबूब की फिक्र करना है प्यार।।

मिलने की उम्मीद तक न हो,
फिर भी दिल को बेक़रार किये रहना है प्यार।
चंद पलों की मुलाकात के सहारे ही,
चाहत के लम्हे सजाना है प्यार।।"






14.हमको किसके ग़म ने मारा, ये कहानी फिर सही;
किसने तोड़ा दिल हमारा, ये कहानी फिर सही!

दिल के लुटने का सबब, पूछो न सबके सामने;
नाम आयेगा तुम्हारा, ये कहानी फिर सही!

नफ़रतों के तीर खा कर, दोस्तों के शहर में;
हमने किस किस को पुकारा, ये कहानी फिर सही!

क्या बताएं प्यार की बाज़ी, वफ़ा की राह में;
कौन जीता कौन हारा, ये कहानी फिर सही!






15.राहें अलग पर मंजिल एक थी।
आकांक्षा अलग पर स्थिति एक थी।
कहीं सपनेे तो कहीं दरिये थे।
आगे बढ़ने के कम जरिये थे।

जिन्दगी की होड़ में तुझे पाने की तलब थी।
कैसे बताउँ मेरी इस तलब में एक तड़प थी।

इश्क तो आँखों में थी,
कुछ मुझमें भी, कुछ तुझमें भी।
एक तड़प बाहों में थी,
कुछ तुझमें भी, कुछ मुझमें भी।

शाम के बदलते रूप जैसी,
तुझे मिलने की सुलग थी।
पर समय का फेर देख,
तडप दोनों की अलग थी।







16.हम यहाँ तेरे दीदार को तड़पे,
तू वहाँ किसी के प्यार में तड़पे।
जाने अनजानेे समय फिर फेर लेने लगा,
कुछ तू तो कुछ मैं अब बदलने लगा।

तडप वो हवा में आ फिर आकर घुल चुकी थी,
मगर अब तुझे पाने की लालसा मन से धुल चुकी थी।
अब मैं तुझे नहीं, समय को पाना चाहता था,
समय को पीछे छोड़ उससे आगे जाना चाहता था।

आज परिणाम सबके सामने है,
मेरे हाथों में एक मखमली हाथ है।
जिसे बड़े-बड़े न पा सके,
मैं उसके और वो समय मेरे साथ है।

अब सोचता हूँ कि कि क्यों हुआ इतना कुछ ??
ये भाग्य था मेरा या परिणाम दे रहा मेरा कर्म??

राह में टकराये एक बुजुर्ग दे गए जवाब मेरा-
सोचता क्या है पुत्र गर्व कर तू खुदपर,
ये तेरा भाग्य नहीं, है सब तेरा कर्म।
कर्मशील हो तुम जो ले गए
वो अनुभव जो हम न ले सके ताउम्र।
खुश रह, बना जिंदगी तो तू अपना बसेरा,
शक्तिशाली है तू, अब वक्त हाथ थामे है तेरा।


17.मोहब्बत में दिल नहीं,जान लगती है।
आजकल तो मोहब्बत भी नीलाम लगती है।
एक प्रहर तो बीत जाता है 
आंखो से दिल का दर्द पोंछने में! 
दूसरे प्रहर में तो जिन्दगी की बोली 
सरेआम लगती है ।।







18.सूनी कुछ रोज़ उसकी गली होगी,
मेरे जाने पे थोड़ी खलबली होगी ;

दिखी तो नहीं आँख थी जब तलक,
बात शायद बाद में पता चली होगी;

दिल तो कहता है दुःख हुआ होगा,
अफवाह है कि पूरियां तली होगी ;

उसके गाँव में भी दिखा होगा धुआं,
देर तक दो मन लकड़ी जली होगी;

वो हार ही गयी दिल का मुकदमा,
कमी 'सिंह' की बहुत खली होगी।






19.कोई कुछ कहना चाहता है, तो कोई चुप हो के सुनना चाहता है, पर हर कोई अपनी जिंदगी जीना चाहता है।। 

कोई दूसरे के लिए त्याग करना चाहता है, तो कोई दूसरे के लिए किसी को अपनाना चाहता है।
कोई किसी के दुख सुख में हसना और रोना चाहता है तो कोई अपने मे ही खुश रहना चाहता है। पर हर कोई अपनी जिंदगी जीना चाहता है।। 

कोई किसी को प्यार करना चाहता है तो कोई किसी को हार्ट करना चाहता है। 
कोई सिर्फ अपने प्यार को पाने तथा प्यार के साथ जिंदगी बिताना चाहता है तो कोई प्यार का झूठा नाटक कर के उसके शरीर तथा प्यार को बदनाम करना चाहता है। 
पर हर कोई अपनी जिंदगी जीना चाहता है।।






20.मैं अपनी ज़िन्दगी से बहुत झगड़ के आया हूँ 
मुकद्दर से भी अपने ज़बर लड़ के आया हूँ...

ईमान की राह पर हैं मंज़िल-ओ-मुकाम दुश्वार
मैं ज़र्जर पथरीली सीढ़ियों पे चढ़ के आया हूँ..

सस्ते में हुनर बेचना जब गवारा नहीं किया
तब हिमायतियों के चहरे भी पढ़ के आया हु...!!

इसी बहाने मुझे कुछ काम मिल जाता है,
मेरी आवाज़ से जब उन्हें आराम मिल जाता है!
दिल की बातें दबा के रखती हैं वो,
और उनकी साँसे सुनकर 
मुझे ख़बर तमाम मिल जाता है!!

मेरे अक़्सो से मिलकर हर अक्स भूल जाती हैं वो,
जैसे सुबह से अरसो बाद एक शाम मिल जाता है!
जुबाँ फिसलती है तो जैसे वक़्त भी थम जाए,
इस रिश्ते को जैसे शमशान मिल जाता है!!

होंठों से बस रूबरू होने का मन करता है तब,
सुना है सब कुछ ठीक हो जाए जब 
लाल जाम में एक और जाम मिल जाता है !!



दो लाइन शायरी,hindi Shayari,two line Shayari ||

  1. छोड कर जाना सोची समझी साजिश थी ...

          वर्ना तुम तो झगड़ा भी कर सकती थी...!



  1. लोग आज भी तेरे बारे में पूछते है,,,,

          की कहाँ है वो,,,,

          मैं बस दिल पर हाथ रख देता हूँ...!!



  1. सब्र जितना था कर लिया मैंने,

          अब तू न आना लौटकर तो बेहतर है....


  1. उसने कहा करोगे क्या 

          खता एं मोहब्बत मुझसे

          हमने कहा गर होती  

          यू मोहब्बत आजमाइशो से 

          जरूर करते तुमसे


  1. सुनो ना आज सब्जी में मिर्च ज्यादा है।

          जरा तेरे होंठ इधर करना ।।



  1. बहते पानी की तरह है,

          चाहत तुम्हारी ...


  1. रुकती नही, 

          थमती नही, 

          थकती नही...

         और मिलती भी तो नही !!!


            


  1. गलती उसके यार की नही ,

          जो उसके साथ है अभी।

          गलती तो उसकी है जिसने 

          बाबु मुझे कहा और,

          थाना किसी और को खिला रही है,


  1. क्या कहूँ किन हालातों से गुज़रा हूँ,,,,,,

          खुद को बदलने के लिए,,,,,,

          मग़र जब ये हालात बदले,,,,,,

          तो वो वक्त भी गुज़रता चला गया,,,,,,




  1. खामोशी से बनाते रहो पहचान अपनी..

          हवाएँ ख़ुद गुनगुनाएगी नाम तुम्हारा..!!

  

        

काश बिन कहे मेरे दिल की बात, 

तुम्हारा दिल समझ जाता

तुम मेरी हो जाती और मैं तुम्हारा हो जाता।


NEW SHAYARI :-

1.जिस दिन.... तेरे हाथो की पकड़ ढीली पड़ी थी


समझ गया था तभी कि अब रास्ते बदलने वाले है।






2.कुछ दर्द होना चाहिए 

  जिंदगी में जनाब 

        अपने 

   ज़िंदा होने का 

   एहसास होता है।




3.कल की सोच कर 

        आज को क्यों बर्बाद करते हैं


चलो आज - आज पर अमल करते हैं







4.बनाया तो था खुद की जिंदगी के लिए


मगर दिल किसी और के लिए धड़कने लगा।






5.जो हुआ उसका गम न कर

रो रो कर आँखे नम न कर

ज़िन्दगी का खेल निराला है

    एक अँधेरे से 

अपना उजाला कम न कर!





6.इस मतलबी दुनिया की

एक बात नीराली थी


सबके पास सब कुछ था

बस दिल वाली जगह खाली थी।






7.हज़ार महफ़िल है.... लाख मेले है

जहाँ आप नहीं.... वहाँ हम अकेले हैं...!!







8.फिक्र है सब को, खुद को सही साबित करने की​


​जैसे ये जिन्दगी, जिन्दगी नही, कोई इल्जाम है।





9.ज़िंदा थे जिसकी आस पर वो भी रुला गया 

बंधन वफ़ा के तोड़ के सारे चला गया,

खुद ही तो की थी उसने मुहब्बत की इब्तदा

हाथों में हाथ दे के खुद ही छुड़ा गया,

कर दी जिसके लिए हमने तबाह ज़िन्दगी 

उल्टा वो हमे बेवफा का इल्जाम दे गया।






10.इश्क़ ने भी कैसी तबाही मचा रखी है........♥




आधी दुनिया पागल और आधी शायर बना रखी है...!!







11.उसको बेवफा कहकर 


अपनी ही नजर में गिर जाते है हम,


क्यों कि वो प्यार भी अपना था 


और पसंद भी अपनी थी…


मुश्किल बस इतनी है हमें.. जताना नहीं आता,


इल्ज़ाम ये लगा है कि हमें निभाना नही आता....





12.नींद तो हर रोज आती,


पर,


अब सुकून नही आता ।





13.उस ने दूर रहने का मशवरा भी लिखा है,

साथ ही मुहब्बत का वास्ता भी लिखा है,


उस ने ये भी लिखा है मेरे घर नहीं आना,

साफ़ साफ़ लफ़्ज़ों में रास्ता भी लिखा है,


कुछ हरूफ लिखे हैं ज़ब्त की नसीहत में,

कुछ हरूफ में उस ने हौसला भी लिखा है,


शुक्रिया भी लिखा है दिल से याद करने का,

दिल से दिल का है कितना फ़ासला भी लिखा है,


क्या उसे लिखें क्या उसे कहें,

जिस ने कर के बे-जान, फिर जान-ए-जाँ भी लिखा है..!!








14.अगर शक है मेरी मोहब्बत पे 


तो दो चार गवाह बुला लो,


हम आज, अभी, सबके सामने, 


ये जिन्दगी तेरे नाम करते है....!!






15.माना कि तेरे दर पे हम 

खुद चलकर आये थे ऎ इश्क़

 





16.लेकिन दर्द दर्द और बस दर्द 

ये कहाँ की मेहमान नवाजी है।








17.बार बार जाती है नजर क्यों

तुम पर मेरी कलम की..!!


शायद अधूरी मुहब्बत हो तुम 

मेरे पिछले जन्म की....!!







18.काश एक शायरी कभी 

तुम्हारी क़लम से ऐसी भी हो...

जो मेरी हो, मुझ पर हो और 

बस मेरे लिए ही हो...








19.उसने हँसकर देखा मुझे, दिल में सवाल सा हो गया

उससे दिल की बात कही और बवाल सा हो गया




20.मैं हूँ, दिल है, तन्हाई है,


तुम भी होते तो अच्छा होता..






21.ए ख़ुदा कसमें सच्ची होती तो,

क्या हो गया होता।

उसने खाई थी कसमें इतनी झूठी, 

के तू भी मेरे साथ मर गया होता।







22.हर कोई तेरे आशियाने का पता पूछता है,


न जाने किस किस से वफा के वादे किये है तूने !!







23.जिसके लफ़्ज़ों में हमें अपना अक्स मिलता है,


बड़े नसीबों से ऐसा कोई शख़्स मिलता है..!!







24.बात कोई और होती तो 

हम कह भी देते आप से,

कम्बख्त मोहब्बत हैं 

बताई भी तो नहीं जाती !!





25.कितना प्यार है तुमसे, 

कैसे तुमे अपनी शायरी के सहारे बताऊँ....


महसूस कर मेरे एहसास को, 

अब गवाह मैं कहाँ से लाऊँ...!!


26.तजुर्बे ने एक बात सिखाई है

नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है।








27.दर्द को दर्द है दर्द कहने लगा

दर्द की आंख से दर्द बहने लगा,,,

दर्द ने जब दिया दर्द को दर्द है

तब से बेदर्द भी , दर्द सहने लगा ।।









28.हसरतें कुछ और हैं...

वक्त की इल्तजा कुछ और है...

कौन जी सका है...

ज़िन्दगी अपने मुताबिक...

दिल चाहता कुछ और है...

होता कुछ और है...







29.जरूरी नही कि जिसमें साँसे नहीं

      वही मुर्दा हैं..

 

      जिसमें इन्सानियत नहीं हैं

             वो कौन सा जिन्दा हैं..









30.इश्क तो काम है 


बेरोजगार लोगों का...


जिनकी नौकरी नहीं लगती 


वो दिल लगा लेते है....