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दो लाइन शायरी,hindi Shayari,two line Shayari ||

  1. छोड कर जाना सोची समझी साजिश थी ...

          वर्ना तुम तो झगड़ा भी कर सकती थी...!



  1. लोग आज भी तेरे बारे में पूछते है,,,,

          की कहाँ है वो,,,,

          मैं बस दिल पर हाथ रख देता हूँ...!!



  1. सब्र जितना था कर लिया मैंने,

          अब तू न आना लौटकर तो बेहतर है....


  1. उसने कहा करोगे क्या 

          खता एं मोहब्बत मुझसे

          हमने कहा गर होती  

          यू मोहब्बत आजमाइशो से 

          जरूर करते तुमसे


  1. सुनो ना आज सब्जी में मिर्च ज्यादा है।

          जरा तेरे होंठ इधर करना ।।



  1. बहते पानी की तरह है,

          चाहत तुम्हारी ...


  1. रुकती नही, 

          थमती नही, 

          थकती नही...

         और मिलती भी तो नही !!!


            


  1. गलती उसके यार की नही ,

          जो उसके साथ है अभी।

          गलती तो उसकी है जिसने 

          बाबु मुझे कहा और,

          थाना किसी और को खिला रही है,


  1. क्या कहूँ किन हालातों से गुज़रा हूँ,,,,,,

          खुद को बदलने के लिए,,,,,,

          मग़र जब ये हालात बदले,,,,,,

          तो वो वक्त भी गुज़रता चला गया,,,,,,




  1. खामोशी से बनाते रहो पहचान अपनी..

          हवाएँ ख़ुद गुनगुनाएगी नाम तुम्हारा..!!

  

        

काश बिन कहे मेरे दिल की बात, 

तुम्हारा दिल समझ जाता

तुम मेरी हो जाती और मैं तुम्हारा हो जाता।


NEW SHAYARI :-

1.जिस दिन.... तेरे हाथो की पकड़ ढीली पड़ी थी


समझ गया था तभी कि अब रास्ते बदलने वाले है।






2.कुछ दर्द होना चाहिए 

  जिंदगी में जनाब 

        अपने 

   ज़िंदा होने का 

   एहसास होता है।




3.कल की सोच कर 

        आज को क्यों बर्बाद करते हैं


चलो आज - आज पर अमल करते हैं







4.बनाया तो था खुद की जिंदगी के लिए


मगर दिल किसी और के लिए धड़कने लगा।






5.जो हुआ उसका गम न कर

रो रो कर आँखे नम न कर

ज़िन्दगी का खेल निराला है

    एक अँधेरे से 

अपना उजाला कम न कर!





6.इस मतलबी दुनिया की

एक बात नीराली थी


सबके पास सब कुछ था

बस दिल वाली जगह खाली थी।






7.हज़ार महफ़िल है.... लाख मेले है

जहाँ आप नहीं.... वहाँ हम अकेले हैं...!!







8.फिक्र है सब को, खुद को सही साबित करने की​


​जैसे ये जिन्दगी, जिन्दगी नही, कोई इल्जाम है।





9.ज़िंदा थे जिसकी आस पर वो भी रुला गया 

बंधन वफ़ा के तोड़ के सारे चला गया,

खुद ही तो की थी उसने मुहब्बत की इब्तदा

हाथों में हाथ दे के खुद ही छुड़ा गया,

कर दी जिसके लिए हमने तबाह ज़िन्दगी 

उल्टा वो हमे बेवफा का इल्जाम दे गया।






10.इश्क़ ने भी कैसी तबाही मचा रखी है........♥




आधी दुनिया पागल और आधी शायर बना रखी है...!!







11.उसको बेवफा कहकर 


अपनी ही नजर में गिर जाते है हम,


क्यों कि वो प्यार भी अपना था 


और पसंद भी अपनी थी…


मुश्किल बस इतनी है हमें.. जताना नहीं आता,


इल्ज़ाम ये लगा है कि हमें निभाना नही आता....





12.नींद तो हर रोज आती,


पर,


अब सुकून नही आता ।





13.उस ने दूर रहने का मशवरा भी लिखा है,

साथ ही मुहब्बत का वास्ता भी लिखा है,


उस ने ये भी लिखा है मेरे घर नहीं आना,

साफ़ साफ़ लफ़्ज़ों में रास्ता भी लिखा है,


कुछ हरूफ लिखे हैं ज़ब्त की नसीहत में,

कुछ हरूफ में उस ने हौसला भी लिखा है,


शुक्रिया भी लिखा है दिल से याद करने का,

दिल से दिल का है कितना फ़ासला भी लिखा है,


क्या उसे लिखें क्या उसे कहें,

जिस ने कर के बे-जान, फिर जान-ए-जाँ भी लिखा है..!!








14.अगर शक है मेरी मोहब्बत पे 


तो दो चार गवाह बुला लो,


हम आज, अभी, सबके सामने, 


ये जिन्दगी तेरे नाम करते है....!!






15.माना कि तेरे दर पे हम 

खुद चलकर आये थे ऎ इश्क़

 





16.लेकिन दर्द दर्द और बस दर्द 

ये कहाँ की मेहमान नवाजी है।








17.बार बार जाती है नजर क्यों

तुम पर मेरी कलम की..!!


शायद अधूरी मुहब्बत हो तुम 

मेरे पिछले जन्म की....!!







18.काश एक शायरी कभी 

तुम्हारी क़लम से ऐसी भी हो...

जो मेरी हो, मुझ पर हो और 

बस मेरे लिए ही हो...








19.उसने हँसकर देखा मुझे, दिल में सवाल सा हो गया

उससे दिल की बात कही और बवाल सा हो गया




20.मैं हूँ, दिल है, तन्हाई है,


तुम भी होते तो अच्छा होता..






21.ए ख़ुदा कसमें सच्ची होती तो,

क्या हो गया होता।

उसने खाई थी कसमें इतनी झूठी, 

के तू भी मेरे साथ मर गया होता।







22.हर कोई तेरे आशियाने का पता पूछता है,


न जाने किस किस से वफा के वादे किये है तूने !!







23.जिसके लफ़्ज़ों में हमें अपना अक्स मिलता है,


बड़े नसीबों से ऐसा कोई शख़्स मिलता है..!!







24.बात कोई और होती तो 

हम कह भी देते आप से,

कम्बख्त मोहब्बत हैं 

बताई भी तो नहीं जाती !!





25.कितना प्यार है तुमसे, 

कैसे तुमे अपनी शायरी के सहारे बताऊँ....


महसूस कर मेरे एहसास को, 

अब गवाह मैं कहाँ से लाऊँ...!!


26.तजुर्बे ने एक बात सिखाई है

नया दर्द ही पुराने दर्द की दवाई है।








27.दर्द को दर्द है दर्द कहने लगा

दर्द की आंख से दर्द बहने लगा,,,

दर्द ने जब दिया दर्द को दर्द है

तब से बेदर्द भी , दर्द सहने लगा ।।









28.हसरतें कुछ और हैं...

वक्त की इल्तजा कुछ और है...

कौन जी सका है...

ज़िन्दगी अपने मुताबिक...

दिल चाहता कुछ और है...

होता कुछ और है...







29.जरूरी नही कि जिसमें साँसे नहीं

      वही मुर्दा हैं..

 

      जिसमें इन्सानियत नहीं हैं

             वो कौन सा जिन्दा हैं..









30.इश्क तो काम है 


बेरोजगार लोगों का...


जिनकी नौकरी नहीं लगती 


वो दिल लगा लेते है....

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