घेर लेने को जब भी बलाएँ आ गईं
ढाल बनकर माँ की दुआएँ आ गईं"
जख्म क्या वाकई भर जाते हैं…
3.छुप जाओ शर्म की चादर मे
बाहार हैवानीयत की हद पार हो रही है ,
कही तुम्हे दाग ना लग जाए ,
4.तेरी गली का सफर आज भी याद है मुझे,
मैं कोई वैज्ञानिक तो नहीं था,
पर खोज लाजवाब थी मेरी.....
5.तुम्हे खोने से डरता हूँ..!
इसलिये तेरा होने से डरता हूँ...!
6.जो देखता हूँ वही बोलने का आदी हूँ
मैं अपने शहर का सब से बड़ा फ़सादी हूँ...
7.समझाये उन्हें क्या,
जो अपनी बातों से मुकर गए,
वो करते रहे, गैरो की परवाह
जिनके अपने आशियाने उजड़ गए,
कभी मिलोगे तुम, दिल से भी हमसे
या मुहोब्बत के ज़माने गुजर गए,
कुछ तो खास है, तेरे मेरे दरमियां
यूँ तो बहुत मिले, कई बिछड़ गए
क्या बताये, क्या गुजरी हमपे साहिब
दिल मे रहने वाले, जब दिल से उतर गए,
ख्वाहिशें बहुत थी, तुझसे ऐ ज़िन्दगी,
जो समझें हम, तो मायने बदल गए!
8.रूह का सूकून है इष्क !
शर्त है सही इंसान से हो !!
9.निकले थे इस आस पे ,
किसी को बना लेंगे अपना
एक ख़्वाइश ने उम्र भर का
मुसाफिर बना दिया....
10.ये हवाएँ उड़ न जाएँ
लेकर काग़ज़ का बदन
दोस्तों मुझ पर
कोई पत्थर ज़रा भारी रखो.....
11.सारी रात ये सोचकर,
मैं सो न सका ए Arun
कहीं वो मुझे सोता देख,
हाथों से हाथ न छुड़ा ले...
12.पहाड़ों में वक्त बिताने के लिए क्या चाहिए।
एक मैं, एक रेडियो और एक कप चाय...
13.भूल से चुन लिए गए लोगो को,
भूल जाना ही उचित होता है.!
14.साला... 100 ग्राम का 💝 दिल,
50kg के इस शरीर को-
विवश कर देता है, रोने, तड़पने,
और बर्बाद होने के लिए😀🙈
15.छुप छुप कर क्यूँ पढ़ते हो……
अल्फ़ाजों को मेरे…
सीधे दिल ही पढ़ लो……
सांसों तक तुम ही हो मेरे.....
16.मासूम सा दिल लेकर पैदा हुआ था मैं,
जिन्दगी के तजुर्बे ने मुझे पत्थर बना दिया।
17."आज फिर मेरी चाय ठंडी कर गई!
आग लगे तेरी यादों को..!!
18.मैं रातों को भी जागा हूँ,
हर कौने में भागा हूँ !
बुनते है सपने जिससे,
हाँ मैं वही धागा हूँ ॥
19.सूरज ढला तो कद से ऊँचे हो गए साये,
कभी पैरों से रौंदी थी यहीं परछाइयां हमने...
20."उसने कहा", शायरी अधूरी है तेरी.....
मैंने कहा,,,
जिसका इश्क़ अधूरा हो,
वो अल्फाज़ कहां से लाए..!!
21.खुद तलाशना क़ातिल अपना,
और फिर क़त्ल होना...!!
इसी फनकारी को .....
बदकिस्मती से इश्क़ कहते है...!!
22.लिखना हैं मुझे ...
कुछ इतना गहरा सा ,
जिसे पढ़े सभी ....
पर समझ सिर्फ तुम्हें आए ।
23.जिन्हें नींद नहीं आती,
उन्ही काे है मालूम ...
सुबह आने में
कितने ज़माने लगते हैं ....!!
24.जरूरत से ज्यादा बेमिसाल हो तुम,
थोड़े सांवले हो, पर कमाल हो तुम।
25.❛दुनियाँ में आठ सौ तरह के खेल खेले जाते हैं
लेकिन भावनाओं से खेलना
लोगों का सबसे पसंदीदा खेल है❜
26.उसने इतना कह के फ़ोन रख दिया कि
कोई आ गया है..
मैं आजतक समझ ना पाया घर में या जिंदगी में...
27.करू गुमान अब वो गुमान नही है,
थी जो मोहब्बत अब वो इंसान नही है,
यूँ तो समेट लू खुद में हर इंसान को,
पर बदलती फितरत झूठी मोहब्बत
हमारी पहचान नही है।।
28.तेरी मेरी मोहब्बत का,
कुछ ऐसा हुआ सीन प्रिये।
मैं शान्तिदूत हूँ भारत सा,
तुम झगड़ालू सी चीन प्रिये।।
29.तेरे उस 10 मिनट का इंतजार
आज भी कर रही हूं.....!
.
.
.
.
.
लौट कर आजा
तुझसे बेहिसाब मोहब्बत आज भी कर रही हूं!!
30.❛तलाश जारी है
तेरी आज भी,
खुदा जाने यह,,
मोहब्बत है या सज़ा❜
31.समेट कर ले जाओ
अपने झूठे वादों के अधूरे किस्से,
अगली मोहब्बत में तुम्हे
फिर इनकी जरुरत पड़ेगी।
32.डरता हूं कहने से की मोहब्बत है तुमसे,
मेरी जिंदगी बदल देगा
तेरा इनकार भी और इकरार भी।।
33.बड़ी सिद्दत से चाहे थे तुझे ऐ जाने हसीन
पर तूने मुझे उन जैसा समझा
जो लड़कियों को समझते हैं अफीम
34.❛आज भी कुछ किरदार पसंद आते है
सहेज लेते है उन्हें कुछ नाम देके,
अल्फाज़ो का जामा पहनाना जरूरी नही है,
कुछ लिहाज़ जरूरी वक़्त की दूरी में,
कौन कहता है अच्छे इंसान नही इस ज़माने में ,
खुद को अच्छा रखो , खुद ब खुद वो फरिश्ते
टकरा जाते है इस ज़माने में❜
35.❛अगर वो पूछ ले हमसे की किस बात का ग़म है..?
तो फिर किस बात का ग़म है अगर वो पूछ ले हमसे❜
36.❛अपने ही चेहरे को तूने ठीक से देखा ही नहीं कभी..
कई झीलों के बराबर तो फ़क़त आंखें हैं तेरी❜
37.❛थोड़े थक से गए हैं
थोड़े सहम से गए हैं
डर भी गए हैं
वक़्त के साथ थोड़े ढल भी गए हैं
तुम होती ना माँ
तुम्हारी गोद में सर रखकर
सब बाते कह जाते हम
तुझसे सब बतलाते हम
डर लगती हैं हमें
अब नहीं रही जाती
किसी से कुछ नहीं कही जाती
बस तुम्हारी याद हैं आती ।।
हमें भी तुम्हारे पास बुलाओ ना माँ❜
🙏😞
38.❛रहती हैं तेरे इंतजार में हर वक़्त..
ये मेरी खामोश उदास आँखें।❜
39.❛इश्क़ की तुम ताजा तरीन तस्वीर हो,
मै रंग चाय का तुम बिस्किट नमकीन हो❜
40.❛इश्क और सुकून वोह...
कितनी बड़ी भूल❜
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