1.खुशबुओं को भी महकने का बहुत शौक है
मगर ये मुमकिन नहीं हवाओं से रिश्ता किये बगैर।
2.बदले हुए से उनके, अंदाज़ देखते हैं ।
कब तक रहेंगे हम से, नाराज़ देखते हैं ।
इतनी सजा मिलेगी, सच बोलने की हमको ,
दुश्मन की तरह अब तो हमराज देखते हैं ।
अरमाँ मचल रहे हैं, फ़िर भी सँभल रहे हम ,
दीदार को तुम्हारे, मोहताज़ देखते हैं ।
छिटकी ये चाँदनी भी, लगती है धूप तीख़ी ,
सहमे से आज सारे, सुर साज देखते हैं ।
वो आसमाँ को छू लें, हम भी तो चाहते ये ,
बेशक़ हमें फ़क़त वो, मेराज देखते हैं।
सब कुछ करा रहा है,आता नहीं नजऱ वह,
देता कहाँ से हमको, आवाज़ देखते हैं ।
3.अभी कुछ खोए हैं बहुत कुछ पाना बाकी है,
मंजिल की तरफ तो अभी चले हैं,
पहुंचना बाकी है,नदी बनकर बहना सीखा हूं, मैं,
समुंदर से मिलना बाकी है !
मैंने अपने हर पन्ने पर बहुत दर्द लिखे हैं,
बस खुशियां लिखना बाकी है,
जिंदगी की शाम है यह,
और इस शाम का सुबह होना बाकी है,
अभी तो रोए हैं, मुस्कुराना बाकी है।।
4.छोड़ गई वो ऐसे नक़्श,
मेरे दिल की ज़मीं पर
की अब कोई शख़्स
मुझसे मोहब्बत नहीं करता...
✍✍
5.इस दुनिया के
लोग भी कितने
अजीब है ना ;
सारे खिलौने
छोड़ कर
जज़बातों से
खेलते हैं……..
5.कुछ इस तरह से मेंने तुम्हें खो दिया
जैसे रात कि चांदनी दिन के उजाले में...
क्या यूहीं तेरे इंतज़ार की लड़ियां
गुजर जाएंगी हस्ते रोते...
या फिर मौत का साया एक बार फिर
मुझे पुकार लेगा....
बेफिजूल बेवक्त मंजिलेैं आएंगी
मेरे रास्तों पे...जानता हूं...
और तुम्हे चाहने का किराया भी हमसे
ये संसार लेगा.....
6.कसूर उनका नहीं.,
जो मुझसे दूरियाँ बना लेते हैं..!
रिवाज हैं जमाने में..,
पढ़ी किताबें ना पढ़ने का..!
7.रास्ता नाप ले ए पथिक,
फिर बीच रास्तें से लौट मत आना..!!
दर्द से भरपूर होती है जिंदगी,
कहीं आधी छोड़ मत आना..!!
8.आंसू की बूंद ठहर गई आंखों में
मैं सारी रात जागा हुँ तेरी यादों में
✍✍
9.फसल उगाने बैठा है किसान,
एकर जमीं बंजर लिए,
सब एक दूसरे के दुश्मन है यहाँ,
मन में खंजर लिए..!!
10.फासलों का एहसास तो तब हुआ,,
जब मैंने कहा ठीक हूं,
और उसने मान लिया...!!
खामोशी का अपना एक अलग ही मजा है,
पेड़ों की जड़े फडफड़ाया नहीं करती दोस्तों।
✍
11.खा रहा इंसान इंसान को नोच कर
कमाल तो देख,
परेशॉ भी है इंसान इंसान को सोच कर।।
✍
12.हर किसी से नहीं है उम्मीद मुझे
मेरे खास मेरी बात पर गौर तो करें
माना कि नहीं है वक्त उनके पास
बेवक्त ही सही वो याद तो करे
सब काम छोड़कर पहुंच जाऊंगा मैं
मिलने की मुझसे वो फरियाद तो करे
मै नहीं मांगता उनका पूरा वक्त
बस कुछ पल वो मेरे नाम तो करें
ज़माने गुज़ार दिए मैंने भी इंतजार में
कोई उन पलों का भी हिसाब तो करे
13.मैंने लोगो को क को ख पढ़ते देखा हैं
सीखने का हुनर हैं उनमें
बस तुम सिखाने का जज्बा ले आओ
14.समय बीत गया साथ रहते हुये....
जब हमेशा के लिए साथ रहने का समय आया
तो.... बड़ी आसानी से हमें
उनकी जिंदगी की गलती घोषित कर दिया गया.....
15.वक़्त का सितम तो देखिए,
खुद गुज़र जाता है हमे वही छोड़ कर ....
✍
16.तजुर्बा भी था , हुनर भी था
जाने क्यों वो लोगो से छुपाने लगा
चंद पैसे की कमी के कारण
जाने क्यों वो गरीब कहलाने लगा
17.काश लिख सकता वो यादें तेरी
जो ख्वाब थे पुराने
फिर सोचता हु की कही
वो अरमान न जाग उठे
✍✍✍
18.अगर जाना ही था किसी रोज़ छोड़कर मुझे,
तो दिल को मेरे तड़पाने तुम आती क्यूं हो ?
अगर नहीं आता तुम्हे किए वादे निभाना,
तो पहले झूठी कसमें तुम खाती क्यूं हो ?
अगर काटने ही थे मेरी ख्वाहिशों के पर तुम्हें,
तो पहले सपनों का आसमां दिखाती क्यूं हो ?
महफिले मेरी, मयखानों में बदल जाएंगी,
तो आशिक़ से साकी तुम मुझे बनाती क्यूं हो ?
मेरे बारे में सब कुछ जानते हुए भी तुम,
मेरे दिल की चौखट पर आकर जाती क्यूं हो ?
19.शायरों की महफ़िलों में
हम कुछ इसलिए भी जाते हैं
हम से बिछड़कर शायद वो भी
शायराना हो गये हों......
✍
20.खुला मत छोड़ो ज़िन्दगी की किताब को..!
बिगाड़ देंगे ज़माने वाले...
जमे-जमाए हिसाब को..!!
21.अजीब रात थी कल तुम भी आ के लौट गए
जब आ गए थे तो पल भर ठहर गए होते
22.यह हकीकत है तेरी जिंदगी में मेरे जैसे
100 आएंगे 100 जाएंगे
लेकिन मेरे जैसा तेरे लिए
तेरे पापा भी नहीं ढूंढ पाएंगे
23.बिखेरो मुझे
मैं रेत हो जाऊँगा
बनाओ मुझे
घर हो जाऊँगा
ज़रा साँस लो
हवा बन के आऊँगा
जो भीगेंगी आँखें
तो बारिश हो जाऊँगा
लबों पे तबस्सुम की
शरारत हो जाऊँगा
मुसाफ़िर हूँ मैं, कहोगे
तो रास्ता हो जाऊँगा
अधूरा है सब कुछ
पूरे की चाह क्या
अधूरा अपना लो
मैं पूरा हो जाऊँगा
समझते तो सब हो
अक़्ल ही बड़ी है
समझना जो चाहो
समझ नहीं आऊँगा
नहीं हूँ कहीं भी
ग़र तेरा दिल है ख़ाली
भरो अपने दिल को
मोहब्बत हो जाऊँगा
मुझको है पाना तो
खो कर के देखो
मुझे खो दिया तो
मैं, तुम हो जाऊँगा
तुम्हीं से उठा था
तुम्हीं में समाया
मैं तेरा ही बशर हूँ
मैं हर शय हो जाऊँगा।
बहुत रोयेगी जिस दिन मैं तुझे याद आऊंगा
बोलेगी एक पागल था
जो सिर्फ मेरे लिए पागल था ! ☺️
24.आँखो की बारिश यू भिगो देती है जैसे
सालो से हमने कभी बारिश ही ना देखी हो,
✍
25.निकाल तो देता इस दिल से तुम्हें
एक पल में मगर...
.
.
सरकार ने ये कह दिया कि
“जो जहाँ है वो वहीं पर रहे”...
26.एक महफ़िल में कई महफ़िलें होती हैं शरीक
जिस को भी पास से देखोगे अकेला होगा
✍
27.पूरी दुनिया जीत सकते है
संस्कार से… और....
जीता हुआ भी हार जाते है,
अहंकार से…!!
✍
28.सुन्दरता की कमी को
अच्छा स्वभाव पूरा कर सकता है
लेकिन स्वभाव की कमी को
सुंदरता से पूरा नहीं किया जा सकता.!!
✍
29.तलब की राह में पाने से पहले खोना पडता है
बडे सौदे नजर में हों तो छोटा होना पडता है
मोहब्बत जिन्दगी के फैसलों से लड़ नही सकती
किसी को खोना पडता है किसी का होना पडता है।
✍️
30.इश्क़ की ख़ातिर, लड़कियां क्या क्या हो गई
कोई लैला,कोई पागल,तो कोई दीवानी हो गई
इश्क़ में पढ़कर,ये लड़के भी किस हाल में आ गए
कुछ बने मजनूं,कुछ बने रांझा, तो कुछ पगला गए
✍✍
31.क्या
मालूम है तुम्हें
हवा कहाँ रहती है ?
शायद हर जगह
लेकिन दिखती नहीं
बस दस्तक देती है दरवाज़े पर
कभी हौले से
और कभी आँधी बनकर
दिखती नहीं
बस उसका अहसास होता है
जैसे अभी छूकर निकल गई हौले से
ख़ुशबूदार झोंके की तरह
या पेड़ की पत्तियों को सरसराकर
कोई इशारा दे गई जैसे
ठीक ऐसी ही हो तुम !
दिखती भी नहीं,
और पास से हटती भी नहीं ।
32.ᴩᴛᴀ नही😏 कब ᴊᴀyᴇɢɪ ᴛᴇʀɪ
लापरवाही की ᴀᴀᴅᴀᴛ🙆🏻.....पागल👋
ᴋᴜᴄʜ तो सम्भाल कर ʀᴀᴋʜᴛɪ😔
मुझे भी खो ᴅɪyᴀ...
33.मुझे नही मतलब
कौन किसके साथ कैसा है...!!
जो मेरे साथ अच्छा है
वो मेरे लिए अच्छा है...!!
34.उधार मांगा है,
उनकी आँखों का काजल
अपनी शायरी के लिए,
शर्त उसने भी रख दी कि
शायरी उनकी आँखों पर ही हो।
35.शीशा अौर रिश्ता दोनों ही
बड़े नाज़ुक होते हैं
दोनों में सिर्फ एक ही फर्क है
शीशा गलती से टूट जाता है
अौर रिशता गलतफहमियों से....
36.हर आदमी के होते है 10-20 चेहरे,
जिसे भी देखना बड़े गौर से देखना।
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