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हिन्दी कविता प्यार भरी || Letest Poem In Hindi || Hindi Kavita ||

मैं हस-हस कर दुख बताता चला गया,

वो मुस्कुरा कर हर ग़म को सुनते चले गए।।

1.प्रेम से रहो दोस्तो जरा सी बात पर रुठा नही करते...

पत्ते वही सुन्दर दिखते हैं जो शाख से टूटा नहीं करते....!!
              

2.दिल मैं हर राज़ दबा कर रखते है,

होंटो पर मुस्कराहट सजाकर रखते है....!

ये दुनिया सिर्फ़ खुशी मैं साथ देती है,

इसलिए हम अपने आँसुओ को छिपा कर रखते है....!!

         

3.अब हम भी दुनिया के रंग में रंगने लगें है
जो जरूरत के समय काम आए सिर्फ 
उन्हें ही याद रखने लगें है
क्या फायदा उन लोगों को याद करके
जो दिल मे नफरत ओर चेहरे पर प्यार 
का दिखावा करने लगें है।

  
5.सारी रात जगा जिसके लिए
वो किसी और के लिए जागने लगी है।।

किस्मत ने ऐसा मारा है खंजर
ज़िन्दगी भी अब सांसे छोड़ने लगी है।।




6.आंखों में जो क़ैद वो मंजर अलग है 
मिले जो अपनो से वो खंजर अलग है 

नहीं बढ़े आगे तो अटक जाओगे 
और ली हर किसी से राह तो भटक जाओगे

कभी जात पात तो कभी धर्म अधर्म की लड़ाई है 
अरे मैं पूछता की ये कौन सी पढ़ाई है 

अपनों से ज्यादा कोई अजीज नहीं होता 
और चाहकर भी ना मिले कुछ तो नसीब नहीं होता 

अकेला कुछ नहीं कोई, जरूरत है अपनों के साथ की।
गैरों का क्या गर खबर भी हो आपके कच्चे मकान की तब भी दुआ करेंगे बरसात की 

वक्त का क्या ये तो हर कोई बिता लेता है 
मगर प्यार वहीं सच्चा है जो हर हाल में निभा लेता है

          

7.ज़रा लौट आओ 
कि अभी भी तेरा इंतजार हैं 
चाहा तुझे बेशुमार मैं 
कि ऐसा तुमसे ऐतबार हैं 
रात में न सोता मैं 
बस तेरा ही खुमार हैं 
नींद में जब जगता मैं 
तुझसे ऐसा इक़रार हैं 
लौट आओ कि तेरा इंतजार हैं ...

       

8.मैं अपने दुख कहा बताती फिरू
मैं अपनी चीज फकत अपने पास रखती हूं




9.भोले लोगो की रक्षा का वादा सरेआम करते है
तभी तो आसमां के बादल भी जय महाकाल करते है
हर हर महादेव 

            

10.बेशक हमें तुमसे मोहब्बत थी 
लेकिन इतनी ज्यादा होगी 
हमनें कभी सोचा तक ना था |     
         


11.हम पढ़ने लिखने में
ज़रा अच्छे क्या निकले,
ज़िन्दगी तो हर कदम पर
इम्तिहान लेने लगी

                


12.थोडा थक गया हूँ , , ,
दूर निकलना छोड दिया है।
. . . पर ऐसा नहीं है की , , , 
मैंने चलना छोड दिया है ।।

     फासले अक्सर रिश्तों में , , ,
         . . . दूरी बढ़ा देते हैं।
              . . . पर ऐसा नही है की , , ,
              मैंने अपनों से मिलना छोड दिया है ।।
हाँ . . . ज़रा अकेला हूँ , , , दुनिया की भीड में।
. . . पर ऐसा नही की , , , 
मैंने अपनापन छोड दिया है ।।

    याद करता हूँ अपनों को, , 
      . . . परवाह भी है मन में।
          बस , कितना करता हूँ , , ,
          ये बताना छोड दिया।।



13.अपनी तरफ भी एक नज़र देख लो मेरी जान,
अगर तुम अच्छे हो तो ठीक है !!
हम ही बुरे थे.....

           

14.तूझे पाना चाहता हूं,खोना नहीं
तुझ संग हंसना चाहता हूं,जुदा होके रोना नहीं
मेरी मुहब्बत को बस इतना समझ सजना
तेरे संग जागना चाहता हूं, महज़ बिस्तर पर सोना नहीं।

 


15._एक तकिया चाहिए_
_सर रख के रोने के लिए_
_एक रुमाल चाहिए आंसू पोछने के लिए_
_एक नई जिंदगी चाहिए_
_सब ठीक करने के लिए_
_एक मौत चाहिए नई जिंदगी जीने के लिए_

         


16.हसरतों की जुबाँ पे ताले लगाने पड़े हैं
सिर उठाती इन लहरों के नखरे उठाने पड़े हैं। 

आखिर जिनके जज़्बात दिल को छू रहे थे
वो ही दिलकश चेहरे नज़रों से हटाने पड़े हैं । 

वक़्त की सितमगिरी तो अपना जलवा दिखाती ही रही
अपने ही हाथों से अपने निशान मिटाने पड़े हैं। 

पूरी कोशिश थी की ले आयेंगे आसमाँ से चाँद को
इसके बावजूद भी अंधेरों में दिन बिताने पड़े हैं। 

          


17.किसी को बदल कर चाहो
वो मोहब्बत ही क्या.... 

जो जैसा उसी रूप में टूट कर
चाहो वो ही मोहब्बत है.... 

       

18.जिन्हें न अपनों ने अपना समझा
जरा उन्हें भी सलाम कर लें
किसी को दो पल सुकूँन देकर
दुआओं का इंतज़ाम कर लें। 

  


19.मुझसा दुनिया में तलाशे फिर रही हो तो सुनो
अब मैं खुद भी चाहूँ तो वैसा न हो पाऊँगा। 

        


20.जिस तरह खुशी के आंशू होते है 
ठीक वैसे ही गम की मुस्कान होती है।।😊

    


21.मंजिलों से गुमराह कर देते हैं लोग,
इसलिए हर किसी से रास्ता नहीं पूछा जाता !
        


22.वो हमसे 'इश्क़' करना चाहते हैं !
कोई उन्हें बता दे कि हम 'शादीशुदा' है

             


23.हुस्न वालों के आशिक़ बहुत होते हैं ,,
निर्भर हम पर करता है, 
कि हम ऐतबार किस पर करते हैं ..!!!



24.4G का जमाना है 'साहब'
यहां इश्क 'हुस्न' से ही किया जाता है !
क़ातिल 'निगाहों' से नहीं!!


25.हुस्न से इश्क हुआ,
 जिस्म पर आकर खत्म !!
निगाहों से इश्क़ किया होता,
तो अंत तो कब्र तक भी नहीं होता..!!!



26.हवस का दौर था 
मुझ में तेरे इश्क का शोर था

मां-बाप तो मेरे भी ना मानते
 गर चाहत सिर्फ तेरे जिस्म की होती
रिश्ता तेरा मेरा जन्मों से है 
लड़ाई अभी बाकी जमाने से है

हवस के इस दौर में 
तेरे जिस्म को हाथ तब लगाना था

सात फेरे के बाद सुहागरात की 
सेज पर जब तेरा घूंघट उठाना था




27.काटा है आस्तीन के साँपो ने इस क़दर !

में सामने पड़ी हुई रस्सी से डर गया!😔

         



28.हम तो हँसते हैं
दूसरों को हँसाने के लिए
वरना ज़ख्म तो इतने हैं कि
ठीक से रोया भी नहीं जाता

              



29.ना कोई जानू ,ना कोई जान ,
   बापू हमारे खुदा भगवान  



30.हम बदल गए, तुम वही हो क्या
हम गलत हैं, तुम सही हो क्या।
रंगीन नजर आती होगी ये online दुनिया,
हकीकत को देखो, तुम यहीं हो क्या।।
चांद सितारो का दम भरने वाले 'अपनों' से पूछ तो लो,
घर पर माँ को मना करने वाले, तुम नहीं हो क्या???




31.मुझे फक्र है मैं इश्क हूं..,,
तुझे तड़पा ना दूं तो कमाल क्या...,,



32.काश बनाने वाले ने दिल कांच के बनाये होते,
तोड़ने वाले के हाथ में ज़ख्म तो आये होते…!!

          



33.हम कुछ ना कह सके उनसे, 
इतने जज्बातों के बाद,
 हम अजनबी के अजनबी ही रहे, 
इतनी मुलाकातो के बाद.




34.क्या अजीब खेल है इस मोहब्बत का भी,
किसी को हम न मिले और कोई हमें न मिला।





35.और क्या हारूं , मैं वहाँ ?
दिल हार गया , मैं जहाँ ।।

          
36.चले जो कदम कदम तू साथ मेरे 
तो तेरे साथ से प्यार हो जाए.
थामे जो प्यार से तू हाथ मेरा 
तो अपने हाथ से प्यार हो जाए.
जिस रात आए खवाबों मे 
तू उस सुहानी रात से प्यार हो जाए.
जिस बात मे आए जीकर तेरा 
तो उसी बात से प्यार हो जाए.
जो पुकारे तू प्यार से नाम मेरा तो 
अपने ही नाम से प्यार हो जाए.
होता है इतना खूबसूरत ये प्यार अगर तो
खुदा करे तुझे भी मेरे प्यार से प्यार हो जाए.

      
37.जब भी होगी पहली बारिश,
तुमको सामने पायेंग़े..

वो बुंदो से भरा चेहरा,
तुम्हारा हम कैसे देख पायेंगे..

बहेगी जब भी सर्द हवाये,
हम खुद को तन्हा पायेंगे..

एहसास तुम्हारे साथ का,
हम कैसे महसूस कर पायेंगे..

इस डुबती हुई ज़िन्दगी मे,
तो हम बिल्कुल ही रुक जायेंगे..

थाम लो हमे गिरने से पहले,
हम कैसे यूं जी पायेंग़े..

ले डुबेगा ये दर्द हमें,
और हम जीते जी मर जायेंगे ।



38.अंजाम की फिक्र तो आवारा कुतो को होती है
हम तो शेर हैं जहाँ "ʀɪsᴋ" होती हैं वहाँ हमारी
"ᴇɴᴛʀʏ_ғɪx" होती हैं!!

           

39.हमारा स्टेटस तो कोपी कर लोगे, साहब
पर ये Attɨtʊɖɛ अकड़ स्टाइल ये कहा से
लाओगे जो बस हमारी रगो मैं दोडती हैं
           

40.तू साथ है मेरे तो मेरा जहाँ आबाद है,

कह दे अपने पापा से यही आपका दामाद है.

           

41.अहंकार का भाव ना रखूँ, 
         नहीं किसी पर क्रोध करूँ,
                  देख दूसरों की बढ़ती को, 
                           कभी ना ईष्या भाव रखूँ,
                                    रहे भावना ऐसी मेरी, 
                                             सरल सत्य व्यवहार करूँ,
                                                      बने जहाँ तक इस जीवन में, 
                                                               औरों का उपकार करूँ ।।
           

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