1.कभी कभी मेरी आँखे
यू ही रो पडती है।
मै इनको कैसे समझाऊँ
कि कोई शक्स चाहने से
अपना नही होता।
2.कुछ अलग ही करना है
तो वफ़ा करो दोस्त।
मज़बूरी का नाम लेकर
बेवफाई तो सभी करते है।
3.तेरी बेरुखी ने छीन ली हैं
शरारतें मेरी..
और लोग समझते हैं
कि मैं सुधर गया हूँ।
मेरी फितरत में नहीं
अपना गम बयां करना।
4.अगर तेरे वजूद का हिस्सा हूँ
तो महसूस कर तकलीफ मेरी।
5.ज़िन्दगी आखिरकार रुला ही देती है
फिर चाहे हम माँ बाप के
कितने ही लाड़ले क्यूं ना हो।
6.तमन्ना थी तुम भी अपनी बात करो
रातो को जग के मेरे साथ रात करो।
सवालो का सिलसिला ऐसे चलता
बस बाँहों में आकर पूरी कायनात करो।
7.सब तुझे चाहते होंगे
तेरा साथ पाने के लिये।
मैं तुझे चाहता हूँ
तेरा साथ देने के लिये।
8.उसने कहा लाखो मिलेंगे तुम जैसे
मेने भी पूछ लिया
मुझ जैसा ही क्यु चाहिए तुम्हे।
9.सिर्फ़ धोखा ही शुद्ध मिलता है
इस ज़माने में...
बाक़ी तो सब में मिलावट है।
10.दो चीजें "बेहद" खुबसूरत हैं।
मेरे पास, एक तुम...
और एक हर पल यादें तुम्हारी।
11.लड़कियों को फँसाया नही
"बसाया" जाता है,😊
12.अच्छे लड़कों की यही
"पहचान" होती है॥
कोई भी जाति नीच नही होती
बल्कि
कुछ नीच हर जाति में होते है
कड़वा है पर सत्य है.✍
13.दूसरों की इज़्ज़त पर कीचड़ उछालने वालो की
एक दिन अपनी ही इज़्ज़त उछल जाती है,
इसलिए आप कोशिश करे की इस
उछल कूंद से दूर रहे...
14.हुस्न का क्या काम
सच्ची मोहब्बत में।
रंग साँवला भी हो
तो सितम ढाता है।
15.क्या लिखूँ तेरी
सूरत - ए - तारीफ मे
मेरे हमदम।
अल्फाज खत्म हो गये है
तेरी अदाएँ देख-देख के।
16.जो चली गयी,
उसे जाने दे,
उसको याद करके अब,
खुद को बदहाल क्या करना..
17.तुझे पता है,
कि वो गलत नहीं मानेगी खुद को,
वही जवाब मिलेगा फिर से,
फिर ऐसे इंसान से सवाल क्या करना..
18.जानता हूं तुझे दुख है,
कि धोखा दे गयी वो तुझे,
और तेरे प्यार को भुला बैठी,
जो गया उसे जाने दे,
बिछड़ने वाली का ख्याल क्या करना..
19.जो बीत गया उसे भूल जाना ही,
तेरे वज़ूद के लिए अच्छा है,
कड़वी बातों को याद रखकर,
जीना मुहाल क्या करना..
20.महसूस हो रही है
फिज़ा में तेरी खुशबू।
मेरी साँसों में तेरी याद
अभी भी ताज़ा ताज़ा है।
दावा करते थे...
हमारी खामोशी को पढ़ने का
और हमारे लफ्ज़ भी ना समझ सके।
21.वो कहते रहे...
कभी इंतज़ार मत करना।
में इजहार करू...
तो कभी ऐतबार मत करना।
उन्होंने ये भी कहा
कि उन्हें प्यार नही हमसे।
ओर ये भी कह गए
कि किसी ओर से प्यार मत करना।
22.कौन कहता है
हम झूठ नहीं बोलते।
एक बार...
खैरियत पूछ के तो देखिये।
23.सिंगल होने में कोई बुराई नहीं है
अगर आप...
सच्चे प्यार का इंतजा़र कर रहे हो।
24.हम नादान अच्छे हैं
दुनिया के समझदार लोगों से,
हम अपने ख्वाब जरुर तोड़ते हैं
पर किसी का दिल नहीं।
25.बहुत ही खूबसूरत
लम्हा था वो…
जब उसने कहा था।
मुझे तुमसे मोहब्बत है
और तुमसे ही रहेगी।
26.जिस शख़्स की...
ग़लती- "ग़लती'' न लगे।
किताब-ए-इश्क़ में इसे...
"महबूब" कहते हैं।
27.इश्क का तो पता नही
हम तो उनके...
अंदाज़ के दीवाने थे।
वो उफ्फ्फ्फफ कहती थी
और हम फ़ना हो जाते थे।
28.मोहब्बत में अक्सर बवाल होता है
आज कहाँ Busy थी
बस यही एक सवाल होता है....
29.अल्फ़ाज़ अक़्सर...
अधूरे ही रह जाते हैं मुहब्बत में..
हर शख़्श किसी न किसी की चाहत
दिल में दबाये रखता है।
30.उसकी आँखों का खुमार उफ्फ...तौबा
यकीन करो दिल ना देते तो जान चली जाती।
31.सुना था मोहब्बत मिलती है मोहब्बत के बदले
हमारी बारी आई तो रिवाज ही बदल गया।
32.बस वही जान सकता है
मेरी तन्हाई का आलम।
जिसने जिन्दगी में किसी को
पाने से पहले खोया है।
33.सोचता हूँ
एक शमशान बना लुँ
दिल के अंदर...
मरती है रोज ख्वाईशें
एक एक करके।
34=जहाँ मोहब्बत धोखा देती है
दोस्ती वहाँ सहारा देती है।
35.शौक तो नहीं था तब
मोहब्बत का हमें।
पर नज़रें तुमसे मिली
तो हम भी शौक़ीन हो गये।
36.कुछ भी नहीं है खास इन दिनों
तू जो नहीं है पास इन दिनों
37.एक मेरा सुकुन और एक तुम,
कहाँ रहते हो...
आजकल दोनो मिलते ही नही।
38.❛अब मत खोलना
मेरी जिंदगी की पुरानी किताबों को।
जो था वो मैं रहा नहीं
जो हूँ वो किसी को पता नहीं।❜
39.चौराहे पर खड़ी जिंदगी नजरें दौड़ाती हैं
काश कोई बोर्ड दिख जाए जिस पर लिखा हो।
सुकून... 0 कि.मी
40.मत बनाओ मुझे
फुर्सत के लम्हों का खिलोना,
मैं भी इंसान हूँ, दर्द मुझे भी होता है।
इतनी मतलबी हो गई हैं आँखें मेरी की,
तेरे दीदार के बिना दुनिया अच्छी नहीं लगती।।
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