1.यूँ तो सब कुछ सलामत है तेरी दुनियाँ में
बस रिश्ते ही हैं जो कुछ टूटे-टूटे से
2.शायद लोगों की नजरो मे
हमारी कोई कीमत ना हो
लेकिन कोई तो होगा
जो , हमारा हाथ पकड़ कर
खुद पर नाज़ करेगा
3.क्या बुरा है,,,?
ये बताया था मैने कुछ अपनों को,
मैं ही बुरा हो गया
उन सब की नजरों में
4.दूरियों का ग़म नहीं अगर फ़ासले दिल में न हो
नज़दीकियां बेकार हे अगर जगह दिल में ना हो
5.जिन्दंगी को समझना
बहुत मुशकिल हैं,
कोई सपनों की खातिर
"अपनों" से दूर रहता हैं,
और,
कोई "अपनों" के खातिर
सपनों से दूर!!....
6.कोशिश न कर, सभी को “खुश” रखने की,
कुछ लोगो की “नाराजगी” भी जरूरी है,
चर्चा में बने रहने के लिए…
7.और भी बनती लकीरें दर्द की
शुकर है खुदा तेरा जो हाथ छोटे दिए !!
8.गले मिलकर छुरा घोंपने का रिवाज है यहां...
क्या शहर है कायदे का दुश्मन नहीं मिलता....!!
9." हैरत है उनको .....
मुझे मजबूत देखकर
जो लोग मुझे .....
कमजोर करने पर तुले थे " !!
10.जो तरीक़ा दुनिया का है
उसी तौर से बोलो...
बहरों का इलाक़ा है
ज़रा ज़ोर से बोलो....!!
11.मैं चाहता हूं कि वो और जी ले,
मगर वो मुझ पर मरती ही जा रहा है
12.अब छोड़ दिया मैंने......
मर्ज़ी के लोगों को , उनकी मर्ज़ी पर....
नहीं मिलती वफ़ा अब
उन प्यार के रिश्तों में,
दुनिया में लोगो के बदल जाने की रस्म
अब आम हो गयी है....!!
13.कोनसा दिल कोनसे लफ़्ज़ कोनसी आग
ओर कोनसा तीर
हम तो एसे बहते है इस ज़िंदगी में
जैसे हों कोई नदियाँ का नीर।
14.इतनी भी जल्दी क्या है रूठने की
किस्मत में तो तुम वैसे भी नहीं हो।
15.वफ़ा का नाम सुना था पुराने लोगो से,
हमारे वक़्त में ये हादसे हुआ नहीं करते !
16.शराफ़तो की यहाँ कोई एहमियत ही नहीं
किसी का कुछ न बिगाड़ो तो कौन डरता है
17.मोहब्बत नहीं दे सकते हम समझते हैं।
पर दर्द बन कर ही साथ रहो मेरे
सुना है दर्द बहुत लम्बे समय तक साथ देता है।।
18.यहाँ लोग ज़िंदगी जी रहे हे ऐसे
उसका जिस्म बेजान हो जैसे
19.कुछ लोग चाहे जितने बुजूर्ग हो जाए
उनकी सुंदरता नहीं मिटती
यह चेहरों से उतर कर दिलो में आ बसती है
20.अच्छे तो सभी होते हैं...
बस पहचान बुरे वक़्त में होती है...!!
21.मैं अन्धेरा हूं तो अफसोस क्यूं करूं
खुश हुं कि रौशनी का वजूद मुझसे है....!!
22.यहाँ जीना है तो नींद में भी पैर हिलाते रहिये...
वर्ना दफ़न कर देगा ये शहर मुर्दा समझकर...
23.हिज्र की रात चराग़ का जलना
मेरे हांथों मेरे ख़्वाब का जलना
खिला था हाथ मे अपने गुल कोई
हाँथ का जलना गुलाब का जलना
तड़प के जल उठी है कई ग़ज़लें मेरी
हर्फ का जलना के किताब का जलना
24.ये तेरी और मेरी मोहब्बत हयात है
हर लम्हा इसमें जीना मुक़द्दर की बात है
कहती है इश्क़ दुनिया जिसे
कहती है इश्क़ दुनिया जिसे
मेरी जान-ए-मन
इस एक लफ्ज़ में ही छुपी क़ायनात है।
25.यह जिंदगी क्या चाहती है...
कुछ पल की खुशियों के बाद
हजारों गम थमा जाती है...
बिखरे हुए हर पल को जोड़कर
फिर से एक नया सबक सिखा जाती है...
ये कैसी जिंदगी है.?
जो रोते-रोते भी,
हँसना सिखा जाती है...
26.कट रही जो रीत है,
ये जिंदगी का गीत है,
कौन तेरा प्रीत है?
वह प्रीत है या मीत है।
27.शुरू हुआ जो यह सफर,
बदल रहा है हर शहर,
इंतजार में है मेरा घर,
टटोलता अतीत है।
कट रही जो रीत है ,
यह जिंदगी का गीत है।।
28.बचपन की जहाँ खिली कली,
भूल चुका हूँ वह गली,
माँ-बाप हैं, उम्मीद है,
आँसू मोती,आँख सीप है।
कट रही जो रीत है.......
29.ना जाने क्यूँ अधूरी सी लगती है ज़िन्दगी मेरी
लगता है जैसे खुद को किसी के पास भूल आया हूँ
30.बड़ी देर कर दी उसने मेरा दिल तोड़ने में
ना जाने कितने शायर मुझसे आगे निकल गये...
31.जब गाँव में था, पूरा गाँव मेरा था ...
अब सिर्फ एक घर है, शहर में मेरा ...
32.जब किसी के लिए दिल में कदर होती है
तो इंसान वक़्त ख़ुद ब ख़ुद निकाल लेता है
33.किसी ने कहा था
किसी से कुछ भी ना कहना,
लगे चोट दिल पे भी
तो तू खामोश ही रहना ....!!!
34.तू एक फ़साना था, ख़त्म हो गया,
मैं एक कहानी हूँ, आज भी जारी हूँ।
35.अपनी चुप्पी में न जाने, क्या-क्या खो दोगे ?
जैसे तुम हो, ग़र मैं हो जाऊँ तो तुम रो दोगे ।।
36.खामोश है अल्फाज मेरे
पर जज़्बात बेकाबू है,
बया होने के लिए
कुछ लफ्जो की जरूरत है !
37.अब रात में वह बात नहीं रही,
जब आसमान के नीचे सोते थे,
और सितारों को उंगलियों से गिनते थे।
38.मैं तकदीर को नहीं मानता,
क्योंकि उससे बड़ा
और कोई झूठा नहीं होता
39सोचना क्या है ,
जो है वो कह दो
मुझे अपनी ,
और खुद को मेरा बता दो।
40.बहुत अजीब हैं
ये करने वाले,
बेवफाई करो तो रोते हैं
और वफा करो तो रुलाते हैं।
✍😔
41.जरूरी नही तुम मेरा हर कहना मानो
दहलीज पर रख दी चाहत अब आगे तुम जानो।
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