1.उनकी चाल ही काफी थी
इस दिल के होश उड़ाने के लिए …
अब तो हद हो गई
जब से वो पाँव में पायल पहनने लगे .…
2.हर गरीब पर इतनी दया करना ऐ रब,
दिल भले ही टूट जाए पर मोबाईल न टूटे
3.इरादा है, तो पहले डर निकालो
जो उड़ना चाहते हो, तो पर निकालो
4.इतनी कम उम्र में इतना ज्ञान अच्छा नहीं
सोचता हूं मोन रहूं और बड़ों की बातें सुनु
6.अक्सर कमजोर बना देती है तारीफे,
जब सामने आती है हकीकत की दीवारें।
7.किस्मत भी हम पर क़यामत ढा गयी
हम उनके लिए जगे, उन्हें नींद आ गयी
8.मेरे ख़याल से,,, अब हम.....
तेरे......ख़्याल में भी नहीं बचे...!!
9.बहुत से रिश्ते इसलिए भी ख़त्म हो जाते है,
क्यूँकी एक सही बोल नहीं पाता और दूसरा
सही समझ नहीं पाता।
10.ताकत अपने लफ़्ज़ों में डालों,
आवाज़ में नहीं,
क्योंकि फसल बारिश से उगती है,
बाढ़ से नही......
11.बनाया तो था खुद की जिंदगी के लिए
पर दिल किसी और के लिए धड़कने लगा
12.हर बार हम पर इल्जाम लगा देते हो
मुहब्बत का,
कभी खुद से भी पूंछा है
इतनी खूबसूरत क्यों हो
14.चाहत का क्या ..?
किसी को भी चाह लें...
15.मसला मोहब्बत का है,
सिर्फ एक से होती है..!!
16.उसको बेवफा कहकर
अपनी ही नजर में गिर जाते है हम…..
17.वो प्यार भी अपना था
पसंद भी अपनी थी…
18.दिखाई कम दिया करते हैं,
बुनियाद के पत्थर...
19.ज़मीं में जो दब गये,
इमारत उन्हीं पे क़ायम है..
20.लफ्जों से इतना आशिकाना
ठीक नहीं है ज़नाब,
किसी के दिल के पार हुए तो
इल्जाम क़त्ल का लगेगा।.
21.कितने बेबस हैं तेरी चाहत में..!!
तुझे खो कर भी ,अब तक तेरे हैं.!!
22.माना कि तेरे दर पे
हम खुद चलकर आये थे ऎ इश्क़
लेकिन दर्द दर्द और बस दर्द
ये कहाँ की मेहमान नवाजी है
23.काश एक शायरी कभी
तुम्हारी क़लम से ऐसी भी हो...
जो मेरी हो, मुझ पर हो
और बस मेरे लिए ही हो...
24.यह हमारी भूल थी
कि तुम कभी हमारी थी
मैं हूँ, दिल है, तन्हाई है,
तुम भी होते तो अच्छा होता..
25.जिसके लफ़्ज़ों में हमें
अपना अक्स मिलता है,
बड़े नसीब से
ऐसा कोई शख़्स मिलता है..!!
23.सुलह करनी पड़ती है
उन ख्वाबों के साथ
जो कभी पूरे नहीं होंगे
24.मुझे बेरुखी दिखाने वाले को
अक्सर देखा हैं मैंने,
औरों के साथ खुल कर हँसते हुए..!!
25.मैं छुपाना जानता
तो जग मुझे साधू समझता
शत्रु बन गया है
छलरहित व्यवहार मेरा....
26.यूँ ना आया करो बिना ताल्लुक के तुम ख़्वाबों में,
घरवाले देख लेंगे तो क्या जवाब दूँगा मै.....
27.दिल परेशान है तेरे बगैर
जिन्दगी बेजान है तेरे बगैर
लौट आ फिर से मेरे हमदम
सब कुछ वीरान है तेरे बगैर
28.रात की नींद दिन का सुकून
आना कहा आसान है तेरे बगैर
फिरते रहते पागलो की तरह इधर से उधर
लगता नही दिल बहुत नुकसान है तेरे बगैर
29.पढ़ लेना दिल का "दर्द"
कहीं..."अल्फाज़"...बदल लेते हैं "हम".....
:
आंखों में "नमी" आ जाए
तो..."आवाज़"...बदल लेते हैं "हम".....
30.लफ्ज़ ना सही
दिल तो है तुम्हारे पास
31.इतनी चाहत के बाद भी
तुझे एहसास ना हुआ,
जरा देख तो ले,
दिल की जगह पत्थर तो नहीं...
32.उस ने दूर रहने का मशवरा भी लिखा है,
साथ ही मुहब्बत का वास्ता भी लिखा है,
उस ने ये भी लिखा है मेरे घर नहीं आना,
साफ़ साफ़ लफ़्ज़ों में रास्ता भी लिखा है,
कुछ हरूफ लिखे हैं ज़ब्त की नसीहत में,
कुछ हरूफ में उस ने हौसला भी लिखा है,
शुक्रिया भी लिखा है दिल से याद करने का,
दिल से दिल का है कितना फ़ासला भी लिखा है,
क्या उसे लिखें क्या उसे कहें,
जिस ने कर के बे-जान, फिर जान-ए-जाँ भी लिखा है..!!
33.मेरी सारी खताएं
माफ़ कर दो ऐसे,,,,
मैं किसानों का कर्ज
तुम सरकार हो जैसे!
34.वो जो सूरत है बड़ी खूबसूरत है।
शिद्दत से तराशी हुई खुदा की एक मुरत है।।
आँखों में नजा़कत और चेहरे पर टपका नुर है।
वो जो चाँद ऊपर है उसकी क्या जरूरत है।।
उसे ही सोचता हूँ ,अब उसे ही ढूँढता हूँ मैं।
ख्वाबों से हकीकत में लाने की अब जरुरत है।।
वो जो सूरत है बड़ी खूबसूरत है।
मोहब्बत से वो नज़रें कुछ बचा के घुमती है पर।।
अक्सर उनकी ही तस्वीर देख देख जीता हूँ।
मिली नहीं तो मर जाऊँगा,मिलने की अब जरुरत है।।
उनकी आँखों से शब्द चुराकर।
मैं अक्सर गजल लिखता हूँ।।
हर गजल में तुम्हे लिखता हूँ।
हर गजल में तेरी ही सूरत है।।
वो जो सूरत है बड़ी खूबसूरत है।
35.वहाँ तक तो साथ चलो
जहाँ तक साथ मुमकिन है,
जहाँ हालात बदल जाएँ
वहाँ तुम भी बदल जाना।।
36.कुछ हार गई तकदीर कुछ टूट गए सपने...
कुछ गेरो ने बर्बाद किया...
कुछ छोड़ गए अपने...
आंखे तरस गयी तुम्हारा ख्याल आ गया
अब तो चेहरा दिखा दो नया साल आ गया
37.शायरी से
इस्तीफा दे रहा हूँ दोस्तों,,
किसी बेवफा ने फिर
वफ़ा का वादा किया है ..!!
38.चलते रहेंगे काफ़िले मेरे बगैर भी यहां
एक तारा टूट जाने से फलक सूना नही होता
39.लगता है भूल चूका हूँ,
मुस्कुराने का हुनर,
कोशिश जब भी करता हूँ,
आंसू निकल ही आते है."
ये तो ज़मीन की फितरत है की
वो हर चीज को मिटा देती है......
वर्ना तेरी याद में गिरने वाले
आंसुओ का अलग समुंदर होता
40.कोई ना दे हमें खुश रहने की दुआ,
तो भी कोई बात नहीं, वैसे भी हम
खुशियाँ रखते नहीं, बाँट दिया करते है...
41.मै उसे देख रहा था वो मुझे देख रही थी
मगर मोहतरमा ने ना नज़रे मुकलम्म किया
और ना नूर को कम किया
42.जेब से पैसे हमारे खर्च हुए ,
और तारीफे उनकी हुई।
गुज़र गया वो वक़्त
जब तेरी हसरत थी मुझको,
अब तू खुदा भी बन जाए
तो भी तेरा सजदा ना करूँ…
43.ज़माना कान भरता है हमारे
हमें मालूम है,मासूम है तू !!
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