6/10/20

Motivational Shayari 2021 || Motivational WhatsApp status 2021

1.❛सृष्टि का एक नियम हैं जो बांटोंगे  
वही आपके पास बेहिसाब होगा  
फिर वह चाहे धन हो, अन्न हो  
सम्मान हो, अपमान हो, 
नफरत हो या मोहब्बत❜





2.❛आखिरी सांस तक 
 मुझे बेगाना न समझना ....
  मोहब्बत तो तुम्ही से करूँगा 
       आखिरी सांस तक❜





3.❛अपनी तरफ़ भी देखों 
      मेरी जान
      तुझे किसने इतना इतराया हैं 
      जो कल तक तु मेरी थी
      आज गैर हो गई।।❜






4.रिश्ते निभाकर यह जान लिया हमनें...
माँ - बाप के सिवा कोई अपना नहीं होता...!!!






5.❛तू भूल जा या याद रख,
तू याद है ये याद रख,❜







6.हिम्मत तो इतनी थी कि
समुद्र भी पार कर सकते थे

मजबूर इतना हुए कि
दो बुंद आंसूओं ने डुबा दिया.







7.कयुँ बांधते हो किसी को जबरदस्ती की डोर में,
फड़फड़ायेगा तो जख्म होगा दोनों ओर में । 
ये जमाना बहूत बदल गया है ऐ चाहने वाले,
अब कहाँ है वो पुराने शख्स-ऐ-दिलवाले।। 






8.मै याद कर के तुम्हे फिर भुलने का ढौगं कर रहा हुँ,
मझे तुम से इश्क है ये बात कहने से फिर डर रहा हुँ... 







9.❛​हर नजर​ में मुमकिन नहीं है ​बेगुनाह​ रहना,
कोशिश करता हूँ कि ​खुद​ की नजर में ​बेदाग​ रहूँ।❜ 






10.हर पल मुस्कुराओ, बड़ी “खास”
          है जिंदगी…!
          क्या सुख क्या दुःख ,बड़ी “आस”
                     है जिंदगी… !
                     ना शिकायत करो ना कभी
                                  उदास हो.
                                  जिंदा दिल से जीने का “अहसास”
                                             है जिंदगी…..!!






11.दौलत नही, शोहरत नही, ना वाह चाहिये......

          "कैसे हो" 
बस दो लफ्ज़ की परवाह चाहिये !!!






12.हां बोलेगी तो Accept करूँगा... 
ना बोलेगी तो मेहनत करूँगा
जब तेरे लायक हो जाऊंगा... 
फिर से एक बार तुझे ProPose करूँगा... 
लेकिन Lifetime प्यार तुझसे ही करूँगा







13.❛जिंदगी में एक ऐसा हमसफर चाहिए 
         जो बात से पहले 
            आपकी खामोशी को समझें 
                     जो रोने से पहले 
                         आप के दर्द को समझे
                                  जो कुछ कहने से पहले 
                                       आपके लफ्जों को समझें
                                         और जो आपकी मुस्कुराहट के पीछे
                                                अपनी अहमियत को समझें❜






14.❛बात कहूं तो बहस ....... चुप रहूं तो 
   गुरुर .......
   कुछ ऐसी चल रही है ...... जिंदगी आजकल❜






15.चुपके से दिल किसी का चुराने में है मज़ा,

आँखों से दिल का हाल सुनाने में है मज़ा,



जितना मज़ा नहीं है नुमाइश में इश्क़ की,

उससे ज़्यादा इश्क़ छुपाने में है मज़ा।







16.लाइफ में सब कुछ करो ...
             क्योंकि जब मौत आए ना ...
     अफसोस ना रह जाए जीने का







17.इश्क़.... अजी छोड़िए बेकार चीज है...
वरना लोग कहेंगे.... ये लड़का पागल है...







18.वो कहने लगी,
नकाब में भी पहचान लेते हो हजारों के बीच,
मेंने मुस्करा के कहा.... 
तेरी आँखों से ही शुरू हुआ था "इश्क", 
हज़ारों के बीच.....!!!







19.हमें कहां मालूम था क़ि 
इश्क़ होता क्या है,
बस एक ‘तुम’ मिले और 
ज़िन्दगी मोहब्बत बन गई...







20.तेरे लिए किनारा बन जाऊँ 
 बेसहारा तू तो सहारा बन जाऊँ 
 अनजाने में ही सही 
  तेरे दर्द का मरहम बन जाऊँ






21.युद्ध के लिए खुद को पहले 
वनवास भोगना पड़ता हैं
फिर ही धर्म युद्ध होता है।।
धर्म औऱ अधर्म में एक बड़ा अंतर हैं
धर्म खामोश होता है और अधर्म शोर मचाता हैं
शोर मचाके डकेती डाली जा सकती है
युद्ध नही जीता जाता हैं।।









22.ज़िन्दगी की किताब की तहरीर बदल न पायी मैं,
पन्नो में लिख कर रवायत भी न बदल पायी मैं,
बड़ी ज़िद्दी हूं !!
खुद को भी बदलते वक्त के साथ बदल न पायी मै।







23.कोई लफ्ज़ नहीं थे,
फिर भी कलम उठाई है,

तुम्हें बताना है कि मुझे,
तुम्हारी याद आई है।








24."खंजरों" की शक़्ल में "ढल" जाते हैं यहाँ


जाने क्यों "लोग" कभी "मरहम" नहीं होते





.

25.यक़ीनन, विश्वास की चोट बहुत बुरी होती है
मगर जिंदगी भी नई! वहीं से, शुरू होती है




.

26.कोई हाथ ना मिलाएगा 
जो गले मिलोगे तपाक से ,
यह नए जमाने का शहर है 
जरा फासले से मिला करो....








27.ये जिदंगी तमन्नाओं का गुलदस्ता ही तो हैं,
कुछ महकती है कुछ मुरझाती हैं 
और कुछ चुभ जाती हैं।









28."अधूरी मोहब्बत मिली तो नींदें भी रूठ गयी,
गुमनाम ज़िन्दगी थी तो "संजय बिश्नोई कितनी
सुकून से सोया करता था"










29.एक तरफा प्यार मेरा, 
           एक तरफा नहीं है... 
           उदासी, मदहोशी, जनून के साथ साथ, 
               मीठा सा दर्द भी कहीं है।।






30.रिश्ते किसी से कुछ यूँ निभा लो
की उसके दिल के सारे गम चुरा लो
इतना असर छोड़ दो किसी पर अपना
के हर कोई कहे हमें भी अपना बना लो …







31.अपनी "आदतों" के अनुसार 
          चलने में 
          इतनी "गलतियां" नहीं होती
          जितना "दुनिया" का ख्याल 
               और "लिहाज़" 
                रखकर चलने में होती है।







32.देख कर भी अनदेखा करना, 
              सीखा कहाँ से है.. 
ऐसे थोड़ी ना ओझल होंगे, 
  तेरी आँखो के सामने से.. 
क्योंकि तेरा दिल जहाँ पे है, 
मेरी सुरत वहाँ पे है।। 





33.हसरत ए दिल हम उनसे बयां करते हैं
फिर भी वो पूछती हैं हम उनसे इश्क करते हैं 
या दगा करते हैं






34.जब तक था दम में दम न दबे आसमाँ से हम,
जब दम निकल गया तो ज़मीं ने दबा लिया।








35.जो मुँह तक उड़ रही थी अब लिपटी है पाँव से,
बारिश क्या हुई मिट्टी की फितरत बदल गई।







36.तुम्हारे रुकसारो की लाली मे 
डूब जाने को दिल चाहता है 
अफसोस ये दिल अपनी खाव्हिश 
कहाँ पूरी कर पाता है।।






37.ढूंढने निकला जब ज़िंदगी की गली....


 सबके बाद मेहनत वाली ही सबसे अच्छी निकली।।






38.करे...
वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे
मैं तुझको भूल के ज़िंदा रहूँ ख़ुदा न करे
रहेगा साथ तेरा प्यार ज़िन्दगी बनकर
ये और बात मेरी ज़िन्दगी वफ़ा न करे
ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में
ख़ुदा किसी से किसी को मगर जुदा न करे
सुना है उसको मोहब्बत दुआयें देती है
जो दिल पे चोट तो खाये मगर गिला न करे
ज़माना देख चुका है परख चुका है उसे
"क़तील" जान से जाये पर इल्तजा न करे.
अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझ को...
अपने हाथों की लकीरों में बसा ले मुझको
मैं हूँ तेरा नसीब अपना बना ले मुझको
मुझसे तू पूछने आया है वफ़ा के मानी
ये तेरी सादादिली मार न डाले मुझको
मैं समंदर भी हूँ, मोती भी हूँ, ग़ोताज़न भी
कोई भी नाम मेरा लेके बुला ले मुझको
तूने देखा नहीं आईने से आगे कुछ भी
ख़ुदपरस्ती में कहीं तू न गँवा ले मुझको
कल की बात और है मैं अब सा रहूँ या न रहूँ
जितना जी चाहे तेरा आज सता ले मुझको
ख़ुद को मैं बाँट न डालूँ कहीं दामन-दामन
कर दिया तूने अगर मेरे हवाले मुझको
मैं जो काँटा हूँ तो चल मुझसे बचाकर दामन
मैं हूँ गर फूल तो जूड़े में सजा ले मुझको
मैं खुले दर के किसी घर का हूँ सामाँ प्यारे
तू दबे पाँव कभी आ के चुरा ले मुझको
तर्क-ए-उल्फ़त की क़सम भी कोई होती है क़सम
तू कभी याद तो कर भूलने वाले मुझको
वादा फिर वादा है मैं ज़हर भी पी जाऊँ "क़तील"
शर्त ये है कोई बाँहों में सम्भाले मुझको.







39.सफर बहुत छोटा था तुम्हारे साथ बेशक 
मगर , यादगार बन गए जिंदगी भर के लिए..!! 







40.बहुत दिनों से तुम्हे देखा नही 
ये मेरी आंखों के लिए अच्छा नही ..!




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