6/10/20

Sad Shayari In Hindi || Breakup Shayari In Hindi

1.आंसू जानते है कौन अपना है, 
तभी अपनों के आगे निकलते है ।
मुस्कुराहट का क्या है, 
गैरों से भी वफा कर लेती है।❣️

2.आंखे बंद ही करी थी 
कुछ अल्फ़ाज़ सोचने को 
मगर किस्मत तो देखो 
बेवफा का चेहरा सामने आ गया। 💔

3.अभी तो रण में आया हूँ
यहां कई जीत बाकी हैं
कि ख़ुद से जीत जाने की 
अभी एक रीत बाकी है।


4.जब से तू अलग हुई है ना..
ना कभी बैटरी Low होती है 
और ना कभी 
बैलेंस Low होता है....!! 


5.भड़का हुआ आशिक

आज आयी जो बारिश...
तो याद आया वो जमाना,

तेरा छज्जे पे रहना...
और मेरा सड़कों पर नहाना।।


6.उनका हाल पूछो जिनकी तबियत खराब है,
और उनसे दूर रहो जिनकी नियत ख़राब हैं !



7.उसी की बात उसी के किस्से 
हमें और कोई काम नहीं क्या...


8.मुस्कराने की आदत नहीं है जरूरत है 
क्योकि सुना है रोने वालों को लोग
ज़्यादा रुलाया करते हैं...


9.सुनो ना,

पलके उठाओ, 

नज़रे चुराओ, आंखे मिलाओ, जुल्फे गिराओ,

सलीके से उठाओ,


10.ज़रा इश्क़ करके तो देखो,
सुनो ना,
ज़रा भूल करके तो देखो,
थोड़ा मुझपे मरके तो देखो...


11.मुकम्मल सा ख्वाब था वो
पर क्या करे ख्वाब था वो
आखिर टूटनी ही थी नींद एक दिन...


12.प्यार को जानते थे बस
रूबरू तो तब हुए हम... 
जब खामोशी भी बोलने लगी 
और उसे भी लोग
समझने लगे...

13.कुछ दर्द बयान नहीं किए जाते 
काश कोई उन्हें चेहरे से पढ़ पाता...


14.कुछ रूठ गए कुछ टूट गए 
नहीं भूल पाता मै उन ख्वाबों को 
जो आधुरे छूट गए


15.आंखे क्या , दर्पण हो तो कोई बात हो ।
चेहरा क्या , आफताब हो तो कोई बात हो ।
एक उम्र कट गई ख्वाब पालते - पालते 
काश वो पूरा हो जाए तो कुछ बात हो ।❤️



16.अब उठेंगी आँखे तो 
जी भर के देख लेंगे तुम्हे
तुझसे बिछड़े तो 
हम जिंदा नहीं रहने वाले..


17.किसी को इतना ना चाहो
की वो आदत बन जाए,,
और फिर वो चाहत बन जाए
फ़िर एक दिन वो चाहत, 
जरूरत बन जाए,,
क्युकी जरूरी नहीं हर जरूरत 
पूरी ही हो जाए...



18.कभी सागर ,कभी झील , 
तो कभी जाम रखा है.....
इश्क करने वालो ने भी आँखों का 
ना जाने क्या क्या नाम रखा है!!.......
     


19.सोचा था कि इस कदर आपको भूल जाऐंगे।
देखकर भी अनदेखा कर जाएगें
लेकिन जब जब आया चेहरा आपका सामनें
सोचा कि इस बार देख ले अगली बार भूल जाएंगे ।।
     


20.सुकून मिलता है कुछ बातों को
पन्नों पर उतार देने से,,
कह भी देता हूं मन की हर बात
और आवाज भी नहीं होती...

21.दिल मे जो बस जाए फिर निकलते कहा

दर्द हद से बढ जाए तो आसू बहते कहा

मोहब्बत ?  मौत की सगी बहन है दोस्तो 

दोनो की गिरफ्त मे आने बाद लोग बचते कहा



22.दर्द बेहद है 
    दवा कोई नही 
    मेरे पास मेरे आसू 
          के सिवा कोई नही 
          बद्दुआ हज़ार पर
                   दुआ कोई नही 
                   अपने तो लगे बहुत 
                         अपना हुआ कोई नही 
                         आज भी ख्वाबो ख्याल मे
                                  उसके अलावा कोई नही


23.अक्सर रातो में खुद से पूछता हूं 

क्यों उसने कुछ न कहा

प्यार जो था तेरे मेरे दरमिया 

अब बाकी क्यों न रहा ...



24.ग़र उसकी हर बात मे हामी
ना भरी तूने तो बेवफ़ा
कहा जाएगा तू,,
क्युंकी लोग अब मोहब्बत नहीं
व्यापार करते हैं,,

25.आशिकी का अंजाम है शायरी 

दर्दो ज़ख्म का नाम है शायरी

 इस बेवफा दौर मे यारो 
वफा का परिणाम है शायरी



26.बेवफाओ की दुनिया मे 

वफा किस काम की 

नशा है यार का 

फिर जरूरत क्या है जाम की



27.इश्क मे ख्वाब का टूटना 

ये तो मोहब्बत का दस्तूर होता है

दर्दो जख्म युही नही मिलते 

अपना भी कुछ कसूर होता है



28.एक अजीब सुकून है उस नींद में                                  जो बुरी तरह रोने के बाद आई हो।



29.नग़मा-ओ-शेर की सौगात किसे पेश करूँ
ये छलकते हुए जज़बात किसे पेश करूँ

शोख़ आँखों के उजालों को लुटाऊं किस पर
मस्त ज़ुल्फ़ों की सियह रात किसे पेश करूँ

गर्म सांसों में छिपे राज़ बताऊँ किसको
नर्म होठों में दबी बात किसे पेश करूँ

कोइ हमराज़ तो पाऊँ कोई हमदम तो मिले
दिल की धड़कन के इशारत किसे पेश करूँ



30.सच्ची मोहब्बत में बिछड़ने के बाद 
.
.
एक वो है जो रोज़ मेरी लंबी उमर 
और सलामती की दुआ मांगता है,

एक मै हूं जो उससे बिछड़कर 
रोज़ मौत का इंतजार करता हूं



31.कमरे के दीवारें पूछ रही थी मुझसे 

तेरे पास कोई आता नहीं 

या तनहाई तुझे बुलाती है .....

जाती क्यों नहीं है इसके बाहर 

किस बात से इतना घबराती है।




32.आज भी उलझन होती है तेरे नाम से 

ना जाने कौन सा रिश्ता है

तुझसे जो सुलझता ही नहीं



33.कुछ उलझनों के जबाव का
इंतजार छोड़ ही देना चाहिए,,

जरूरी तो नहीं हर उलझनों
के जबाव मिल ही जाए...



34.नींद चुराने वाले पूछते हैं 
सोते क्यों नही,
इतनी ही फिक्र है 
तो फिर हमारे होते क्यों नही।




35.लाख संवार लो तुम 
जिस्म को अपने,
मोहब्बत तो तुम्हारे 
अल्फाज़ो से ही करते है ||




37.एक ख्वाब मुठ्ठी से खोला है मैंने 
और नींद की आंखें जगाईं हैं
अब कहाँ तक उड़ेगा ख्वाब जाने
मैंने उम्मीद की पलकें उठाईं हैं





38.पर किसी से लिये हैं उसने या
खुद ही उसने पंख उगाए हैं
वो ज़मीं पे रहने वाला कहाँ है
उसने घर अपने गगन में बताए हैं



39.रह जाए वो यहीं कहीं मुझ तक
मैंने दरिया पर चाँदनी बिछाईं हैं
अब कहाँ तक उड़ेगा ख्वाब जाने
मैंने उम्मीद की पलकें उठाईं हैं
मैं जो उससे इरादे अपने कह दूँ
वो नादां क्यूँ सहम सी जाती है
वो पूंछती है ऐसे कई सवालों को
उसका मुझ पर वहम सा जाता है
उसको ही बंद कर के आंखों में
न जाने कितनी रातें बिताईं हैं
अब कहाँ तक उड़ेगा ख्वाब जाने
मैंने उम्मीद की पलकें उठाईं है।

40.तेरी मुस्कान से,
सुधर जाती है तबियत मेरी,
बताओ ना,
तुम इश्क़ करते हो या इलाज़ ।।

41.फ़िर एक श्याम ढलने को है,
किससे बात करे,
किससे मुलाक़ात करे,
किससे दर्द बाटे,
किससे ख़ुशी,
यही सोच में फ़िर दिन निकाल दिया....!!

42.कटु परंतु सत्य 👇

जमाने को न जलाया करिये 
हो सके तो घर मे माँ - बाप के पैर 
दबाया करिये..

43.उंगलिया थाम कर चलने की
आदत सी थी,
पर अफसोस इसकी उम्र बड़ी
छोटी थी..

44.रिश्ते बनाये रखना
यूँ तो कुछ फासले है 
पर साथ होने का एहसास बनाये रखना 
रूठे हुए दिल को भी 
मिलने की आस बनाये रखना...






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